शाहजहांपुर। स्टिंग-ऑपरेशन अब तक अमूमन सामने वाले को शिकार बनाने के लिए किया जाता रहा है। जो व्यक्ति स्टिंग करता था वह शिकायतकर्ता, और जिसका स्टिंग होता था वह संदिग्ध या आरोपी। लेकिन स्वामी चिन्मयानंद यौन उत्पीडऩ मामले में स्टिंग ऑपरेशन की एक अलग शैली सामने आई है। इसे रिवर्स स्टिंग ऑपरेशन कहें तो गलत नहीं होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रिवर्स स्टिंग ऑपरेशन के ही कारण दोनों पक्ष आरोपी और दोनों पक्ष पीडि़त बनकर सामने आए हैं। कथित रिवर्स-स्टिंग तकनीक के जुगाड़ ने दोनों पक्षों की पोल खोल कर रख दी है। अगर यह सिर्फ स्टिंग-ऑपरेशन होता तो इस बार भी बाकी हर केस की तरह एक ही पक्ष संदिग्ध होता।
स्वामी चिन्मयानंद कांड में देखा जाए तो खुद के बचाव में या फिर शिष्या को ठगने के लिए स्वामी ने कथित रूप से पहले उसका स्टिंग कराया, ताकि शिकार कभी भी हाथ से दूर न जा सके। लेकिन फिलहाल जेल जा चुके आरोपी को तब तक रिवर्स-स्टिंग का अंदेशा नहीं रहा होगा।
लोकसभा चुनाव 2024: 1बजे तक बिहार में 32.41%,J&K में 43.11% मतदान दर्ज,सबसे अधिक त्रिपुरा में 53.04% मतदान
लोकसभा चुनाव 2024 : जिन 102 सीटों पर हो रही है वोटिंग, जाने कैसा रहा था 2019 में उनका नतीजा
लोकसभा चुनाव 2024 : गांधीनगर से नामांकन करने के बाद बोले अमित शाह, 'मैं बूथ कार्यकर्ता से संसद तक पहुंचा'
Daily Horoscope