संभल | थाना पुलिस का एक और कारनामा महिला को तीन दिन तक रखा थाने में |और महिलाओं पर खुले में अत्याचार किये जा रहे हैं |दरअसल महिला को किसी केस के सिलसिले में थाने में ही रखा बंदी बनाकर और हालत बिगड़ने पर इलाज नहीं मिला,जिससे महिला की थाने में ही हुई मौत हो गई| ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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हाँ ऐसा ही मामला थाना धनारी का देखने को मिला जहाँ पर एक महिला को पुलिस
ने तीन दिन तक थाने में ही रखा और उसकी तीसरे दिन मौत हो गई और परिजनों ने
रोड जाम कर दिया |
थाना धनारी के गाँव
भकरोली में दो माह पूर्व महिला के बड़े लड़के बिजेंद्र का साला गुंजन घर पर
आया हुआ था | उसने बिजेंद्र के साथ खूब शराब पी और रात में किसी भी समय
भक्रोली स्टेशन के निकट रेलवे ट्रेक पर लेट गया और उसकी कटकर मौत हो गई
लेकिन
उसके कुछ समय बाद गुंजन के परिजनों ने बिजेंद्र और उसका भाई और महिला
कुंता देवी के नाम तहरीर दे दी जिसकी पुलिस जांच कर रही थी लेकिन तीन दिन
पूर्व थाना पुलिस महिला कुंता देवी को गाँव से गिरफ्तार कर लाई थी |इसके
साथ साथ उसके एक बेटे को भी गिरफ्तार करके लाई थी |
परिजनों
का आरोप है की 50000 की मांग थाना इंचार्ज दुआर की गई जिसे महिला देने में
असमर्थ थी, जिसके कारण महिला को तीन दिन तक थाने में बैठाये रखा गया और
हालत बिगड़ने पर उसका इलाज भी नहीं कराया गया | जिसके कारण महिला की मौत हो
गई |
पुलिस के महिला की मौत से हाथ पैर
फूल गए और पुलिस ने गोपनीय तरीके से महिला का शव पीएम को भेज दिया | जब
इसकी सूचना महिला कुंता देवी के परिजनों को मिली तो परिजनों में हाहाकार मच
गया और देखते ही देखते भारी भीड़ ने थाना का घेराव कर लिया |
इसके साथ ही महिला के परिजनों ने मुरादाबाद आगरा हाइवे पर जाम कर दिया | जाम से हाइवे पर दस किलो मीटर लम्बा जाम लग गया |
उधर
कप्तान रविशंकर छवि ने जिला अधिकारी आनंद कुमार के साथ पीएम हॉउस पहुंच
कर अपने धनारी ठाणे के इंचार्ज को बचाते हुए महिला के बेटे से गाँव के दो
बेक़सूर लोगों के नाम तहरीर लेकर शव का पीएम शुरू करा दिया गया |
मृतक
महिला के बच्चे चीख चीख कर कहते रहे की हमारी माँ को पुलिस ने मारा है
लेकिन कप्तान रविशंकर छवि ने बेचारे महिला के बच्चों की एक न सुनी और चार
घंटे बाद जाम खुलवा दिया गया |
जब पुलिस
अधीक्षक रविशंकर छवि से इस बारे में बात की गई तो पूरी तरह से थाना इंचार्ज
का बचाव करते नजर आये और घटना को बिलकुल ही उल्टा बताते हुए कहा की महिला
की मौत छत से गिरकरघायल होने के कारण हुई थी |
इस
थाना में इस तरह की यह तीसरी घटना है की पुलिस के टॉर्चर से तीन लोगों को
यह थाना मौत दे चुका है |
लेकिन इसी
तरह उच्च अधिकारी थाना इंचार्जों को बचा कर ले जाते हैं | और गरीबो को
इंसाफ नहीं मिलता और दूसरे अधिकारियों के भी हौसले बुलंद होते जा रहे हैं | क्या पुलिस ऐसे ही करती रहेगी अत्याचार ,क्या गरीबों को नहीं मिलेगा इंसाफ |क्या उच्च अधिकारी इस घटना पर संज्ञान लेंगे ?
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