सहारनपुर। उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जनपद तकरीबन एक माह से जातीय हिंसा में कई बार सुलगने के बाद अब फिर से अमन की ओर लौट रहा है। जनपद के संवेदनशील 12 गांवों में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। इसके साथ ही यहां के दबंग किस्म के लोगों के लाइसेंसी हथियारों के निरस्तीकरण की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सहारनपुर में तीन मई से लेकर 23 मई के बीच कई बार जातीय हिंसा हुई। इसमें दो लोगों की मौत तथा दर्जनों घायल हो गए थे। इस हिंसा को लेकर जनपद के विभिन्न थानों में 40 मुकदमे दर्ज किए गए। अब इन मुकदमों की जांच एसआईआई कर रही है। इन घटनाआंे में नामजद 37 अभियुक्तों में 25 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस महानिरीक्षक (लोक शिकायत) विजय सिंह मीना ने बताया, "इस हिंसा में 12 गांवों को चिह्नित किया गया था। इन गांवों में से सहारनपुर के डीएम व एसएसपी लगातार जनता के साथ बैठकें कर रहे हैं। इसका असर यह है कि बीते करीब एक पखवारे से यहां पर कोई उन्माद नहीं फैला।"
उन्होंने बताया, "इन प्रभावित गांवों में छह कंपनी पीएसी कैंप कर रही है। यहां के दबंग किस्म के लोगों के लाइसेंसी हथियारों के निरस्तीकरण की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। कुल 96 हथियारों के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। इसमें से 60 लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। 36 के लाइसेंसों को निरस्त करने के लिए अदालत में पैरवी की जा रही है।"
उन्होंने यह भी बताया कि इन संवेदनशील गांवों में फिलहाल सुरक्षा हटाने का कोई इरादा नहीं है।
-आईएएनएस
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