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फिर सुलगा सहारनपुर: पूरा शहर जलाने की थी साजिश, सुनियोजित थी हिंसा

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मंगलवार को जो कुछ हुआ, वह सब पहले से ही सुनियोजित था, कहां क्या होना है और कितनी देर होना है, यह पहले से तय था। इसकी शुरुआत गांधी पार्क से होनी थी और इसके बाद पूरे शहर को जलाने की तैयारी की गई थी। गांधी पार्क पर यहीं से शहर में घुसने वाले मुख्यमार्गों को कब्जे में लेने का मैसेज हुआ था। बता दें कि सहारनपुर शहर में मंगलवार को हिंसा हुई थी। इससे चार दिन पहले बग़ांव इलाके में महाराणा प्रताप जयंती पर शोभायात्रा निकालने के दौरान दलितों और ठाकुरों में संघर्ष हुआ था, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी, जिसके बाद कई घर फूंक दिए गए थे। उसी घटना के विरोध में मंगलवारको कई दलित संगठन गांधी पार्क में जमा हुए। पुलिस ने उन्हें हटाया तो पुलिस चौकी को फूंक दिया। दर्जनों बाइक, कारों और बसों को आग के हवाले कर दिया गया। एडीएम, एसडीएम और पुलिस अफसरों ने भागकर जान बचाई। कई पुलिसवालों को गुस्साई भीड़ से बचने के लिए आवासीय कॉलोनियों में छुपना पड़ा। इस घटना में तीन पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। घटना के बाद दोनों एडिशनल एसपी का तबादला कर दिया गया है। यह सबकुछ सुनियोजित था। पुलिस और खुफिया विभाग के मुताबिक, बवाल की शरूआत गांधी पार्क से होनी थी। इसके बाद शहर को अशांत करने की योजना थी। शब्बीरपुर प्रकरण के बाद भीम आर्मी के नेतृत्व में दलित समाज ने रविदास छात्रवास पर महापंचायत करने का ऐलान किया था। यह पंचायत महाराणा प्रताप जयंती यानी मंगलवार को होनी थी। हालांकि प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी, लेकिन भीम आर्मी ने शब्बीरपुर प्रकरण के बाद से ही इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया था।
वॉट्सऐप पर रची बवाल की साजिश
व्हाट्सअप ग्रुप पर युवाओं को संदेश देकर पंचायत में आने के लिए एकत्र किया जा रहा था। सोशल साइट पर पूरी रणनीति एक-दूसरे के साथ शेयर की गई थी। एलआईयू ने भी इसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी। लेकिन प्रशासन ने रिपोर्ट को हल्के में लिया और छात्रवास पर होने वाली पंचायत तक ही सीमित रहा। योजना के तहत मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रावास पर जमा हुए। जैसे ही पुलिस ने वहां सख्ती की तो भीड़ गांधी मैदान पहुंच गई। यहां भी पुलिस ने भीड़ को दौड़ा दिया, कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद योजना के तहत यहीं से महानगर में घुसने वाले सभी मुख्य मार्गों को कब्जे में लेने का संदेश हुआ, जिससे पुलिस बल एक जगह एकत्र न हो सके। भीम आर्मी के नेतृत्व में दलितों ने महानगर के मल्हीपुर रोड, चिलकाना रोड, बेहट रोड, दिल्ली रोड, अंबाला रोड को कब्जे में लेकर हंगामा शुरू कर दिया। एक जगह फोर्स इकठ्ठा न हो इसके लिए महानगर के हर कौने पर हंगामा, तोडफ़ोड़ और आगजनी की गई। फोर्स को डायवर्ट कर हथियारों के दम पर जमकर अराजकता फैलाई। जो चाहा वह किया और फोर्स मूकदर्शक बनी रही। भीम आर्मी के संस्थापक का कहना है कि पुलिस ने बिना मतलब लाठीचार्ज, जिसके लोगों में गुस्सा फूटा।
चौकी फूंक दी

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Web Title-Organized conspiracy in Saharanpur violence, plan was to set fire whole city
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