ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि पीड़िता द्वारा खुद का भाई बताए
जा रहे संजय नामक लड़के ने जब पेन-ड्राइव में मौजूद स्वामी चिन्मयानंद से
जुड़ी वीडियो क्लिप एसआईटी के हवाले कर दी, तो फिर अब इससे भी ज्यादा मजबूत
और क्या सबूत हॉस्टल वाले बंद कमरे में छिपा हो सकता है?
सूत्रों
के मुताबिक, मंगलवार पूर्वाह्न् में पीड़िता के हॉस्टल वाले बंद कमरे को भी
एसआईटी ने खोल दिया। कमरे के अंदर क्या कुछ मिला? इस सवाल का अधिकृत जबाब
देने से यूपी पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह से लेकर एसआईटी प्रमुख आईजी नवीन
अरोरा तक चुप्पी साधे हुए हैं।
पता यह भी चला है कि मामले की जांच
की निगरानी कर रहे इलाहाबाद उच्च न्यायालय की विशेष पीठ ने एसआईटी से अब तक
की जांच की प्रगति रिपोर्ट मंगलवार को तलब की है। ऐसे में संभव है
पेन-ड्राइव से लेकर, पीड़िता द्वारा दिल्ली पुलिस के जरिए दी गई स्वामी
चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत तक के तमाम सबूत एसआईटी हाईकोर्ट
की निगरानी पीठ को सौप दे।
पीड़ित परिवार से जुड़े सूत्रों ने फिर
दावा किया है कि "एसआईटी को जो सबूत इकट्ठे करने हों वह करे। परिवार द्वारा
सौपी गई पेन-ड्राइव की फूटेज से ही सब कुछ साफ-साफ सामने आ जाएगा।"
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