डीएम आन्जनेय सिंह ने बताया, "हमारे जिले में सैनिटाइजर का उत्पादन होता है। यह हमें फैक्ट्री से लागत मूल्य में मिल गया। इस कारण हमें यह सस्ता पड़ रहा है। बस, इसमें दो रुपये ट्रान्सपोर्टेशन का खर्च जोड़ा गया है। इस कारण हम इसे 20 अप्रैल से राशन की दुकानों में और समितियों में बेचेंगे। 90 मिलीलीटर सैनिटाइजर की कीमत महज 20 रुपये रखी गयी है। हर परिवार को यह एक-एक दिया जाएगा। यह सुविधा केवल रामपुर जिले के लिए ही है। इसमें लागत मूल्य के अलावा कोई चार्ज नहीं जोड़ा है। इसकी कालाबाजारी न हो, इसलिए यह कम मात्रा में दिया जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "सैनिटाइजर का प्रयोग तब होना चाहिए जब साबुन से हाथ धोना मुश्किल हो। वायरस को मिटाने के लिए साबुन ज्यादा बेहतर होता है। जिले में करीब एक हजार समितियां और राशन की दुकानें हैं। 20 अप्रैल से इन्हीं जगहों पर 12 रुपये में 3 साबुन उपलब्ध होंगे। इसमें से एक नहाने व एक कपड़ा धोने का होगा। हर परिवार को इसकी सीमित मात्रा दी जाएगी।"
उन्होंने बताया, "जिले में किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। हम लोगों को सभी सुविधाएं घर बैठे उपलब्ध करा रहे हैं। डाक्टरों की ओपीडी हमने खुले में शुरू कर दी है क्योंकि क्लीनिक में जगह कम होती है। भीड़ ज्यादा न हो इसे देखते हुए डॉक्टर अब 3 से 4 घंटे किसी स्कूल के मैदान में बैठते हैं। उनसे आने वाली फीस कोविड फंड में जमा की जा रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "यहां पर हॉट-स्पॉट जैसी मुस्तैदी बरती जा रही है। किसी को घर से निकलने की इजाजत नहीं है। चीजों के दाम कम हैं। चीनी 35 रुपये, आटा 23 रुपये है। महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड 24 के हैं, इनकी होमडिलीवरी की जा रही है। इसके लिए महिला हेल्पलाइन के तौर पर एक नम्बर भी उपलब्ध कराया गया है।"
--आईएएनएस
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