रामपुर। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शनिवार को एक बार फिर रामपुर और कानपुर में हिंसक प्रदर्शन हुआ। रामपुर में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को फूंक दिया। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसी दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। हालांकि रामपुर जिला प्रशासन ने मौत की पुष्टि नहीं की है। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी और फायरिंग की। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने कई बाइकों में आग लगा दी। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान एक युवक की मौत हो गई। दूसरी ओर, उलेमा ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस बीच, उत्तर प्रदेश के आईजी (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान "10 दिसंबर से अब तक राज्य में 705 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 4500 लोगों को गिरफ्तार करके छोड़ा गया है। अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, और 263 लोग घायल हो चुके हैं।"
रामपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से शनिवार को प्रदर्शनकारी निकले और हाथी खाना चौराहे पर जमा हो गए। हजारों की संख्या में एकत्रित लोगों की भीड़ हिंसक हो उठी। पुलिस की बाइक समेत चार वाहनों को जला दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने गोली चलाई, वहीं पुलिस अफसरों ने इससे इंकार किया है।
हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि उनकी तरफ से किसी तरह की फायरिंग नहीं की गई है। इसलिए मौत के लिए उपद्रवी खुद जिम्मेदार हैं, न कि पुलिस।
पुलिस के अनुसार, उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठियां भांजी। काफी देर तक भीड़ और पुलिस के बीच झड़प चलती रही।
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