रायबरेली। सतांव गुरुबक्शगंज
थाने की अटौरा बुजुर्ग चैकी क्षेत्र के अंतर्गत जजेहटा गांव के पास एक
तालाब में घर की पुताई के लिए मिट्टी खोदते समय टीले के धंस जाने के कारण दो
लोगों की मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस ने ग्रामीणों की कड़ी मशक्कत
के बाद शवों को निकला। जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जानकारी के
मुताबिक गुरूबक्शगंज थाने की अटौरा बुजुर्ग चैकी क्षेत्र के अंतर्गत गाँव
जजेहटा मजरे केसरूआ निवासी अमृत लाल की पुत्री कुमारी मनीषा उम्र लगभग ( 17
) वर्ष व रवि शंकर पुत्र स्व . भगौती उम्र लगभग (17) वर्ष गांव के कुछ
बच्चों के साथ घर की पुताई के लिए गांव के बगल में स्थित बडैला तालाब के
पास रविवार की सुबह लगभग 8 बजे एक टीले मे मिट्टी खोदने गए थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मिट्टी
खोदते समय टीला अचानक ढह गया। जिसमें दोनों दब गये पास में मिट्टी खोद रहे
अन्य बच्चों ने चिल्लाया तो पास में सब्जी तोड़ रहे लोगों ने मौके पर
पहुंचकर खुदाई शुरू कर दी। तथा घटना की सूचना स्थानीय पुलिस अटौरा बुजुर्ग
चौकी को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की कड़ी मशक्कत के बाद
टीले के नीचे दबे दोनों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक दोनों की दर्दनाक मौत
हो चुकी थी। पुलिस ने दोनों शवो को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज
दिया। इस सम्बन्ध में चौकी प्रभारी विजय नारायण शुक्ला ने बताया कि दोनों
शवो को निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
बताते
चले कि मृतक रवि शंकर अपने चार भाई में दूसरे नम्बर का है। मृतक के चार
भाई प्रेम सागर, अजय कुमार, अरविंद कुमार तथा चार बहनें है। जिसमें तीन
बहनों व एक भाई की शादी हो चुकी है। मृतक रवि शंकर के पिता का देहांत व बड़े
भाई के परिवार से अलग हो जाने से परिवार में भरण पोषण मजदूरी करके करता
था। अभी एक बहन व अन्य भाईयों की शादी नहीं हुई हैं। जहां इस दर्दनाक घटना
से पूरे गांव की आँखें नम थी तो कहीं कहीं पर चर्चा भी हो रही थी कि अखिर
अब परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।
हर किसी के आँखों में आँसू छलकते दिखाई दे
रहे हैं। वही परिवार में माता व अन्य भाईयों तथा बहन का रो रोकर बुरा हाल
है। बताया जा रहा है कि रवि शंकर अभी कुछ ही दिन पहले बाहर से गांव आया था।
लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। अभी मृतक मनीषा अपने चार भाईयों में बड़ी थी
जबकि एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। मनीषा के पिता किसी शहर में भठ्ठे में
मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। जिनके चार बेटे अंकुश (15),
लवकुश( 10), करन(8) , अर्जुन (7) वर्ष तथा दो बेटियां ममता व मनीषा जिसमें
ममता की शादी कर दी थी। परिवार में पत्नी व चार बच्चे तथा मनीषा रहती थी।
रविवार की सुबह 8 बजे गांव के कुछ बच्चों के साथ घर की पुताई के लिए
मिट्टी खोदने गई थी। जहां एक ओर गांव के हर आदमी आँखों मे आंसू थे तो माता
का रो रोकर बुरा हाल था। रोते रोते कह रही थी कि बिटिया खाना बना रही थी।
खाना बनाकर उसने घर की पुताई के लिए मिट्टी लेने गई थी। वही गांव के लोगों में इस दर्दनाक घटना से पूरे गांव में मातम छा गये ।
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