पीलीभीत।पीलीभीत से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना घट गई। नगर के
बीचो बीच मंगलवार को अवैध बाजार के जाम में फंसी एम्बुलेंस में ही प्रसूता व
उसके बच्चे की मौत हो गई। यह बाजार जिले के अधिकारियों के संरक्षण के रोड
पर ही चल रही थी।जिसको लेकर एक माह पूर्व प्रभारी मंत्री मुकुट विहारी ने
डीएम शीतल वर्मा को इस बाजार को तत्काल बंद करवाने के निर्देश दिये थे।
इसके बाद भी आज तक उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया। अधिकारियों की इस लापरवाही
की कीमत प्रसूता को अपनी व अपने बच्चे की जान देकर चुकानी पड़ी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह बाजार
हर मंगलवार को सदर तहसील के बाहर रोड पर लगाई जाती है जिसके चलते तीन सड़कों
पर आवागमन बाधित रहता है।न्यूरिया थाना क्षेत्र हसन
नगर के रहने अजय की पत्नी गोमती को प्रसव पीड़ा के साथ दौरे पड़ रहे थे।
जिसको लेकर अजय ने अपनी पत्नी को न्यूरिया पीएचसी में दिखाया। हालत गम्भीर
होने के कारण पीएचसी के डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया।अच्छे
इलाज की चाहत में अजय अपनी पत्नी को एम्बुलेंस से नारायण नर्सिंगहोम ले जा
रहा था।अस्पताल के पास ही चल रही अवैध मंगल बाजार के जाम में आधे घण्टे से
भी ज्यादा एम्बुलेंस फंसी रही।इलाज के अभाव में प्रसूता गोमती व उसके प्रसव
की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई।
सदर
तहसील के बाहर सड़क पर चल रही अवैध बाजार की जानकारी नेताओं से लेकर
अधिकारियो तक सभी को है। एक माह पूर्व जिले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री
मुकुट बिहारी ने डीएम को तत्काल बाजार हटवाने के निर्देश दिए थे। मंत्री के
निर्देश को डीएम शीतल वर्मा ने हवा में उड़ा दिया। जिसका खमियाजा एक महिला
अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। इस घटना के बाद अधिकारी अपनी अपनी सफाई दिए नजर आए। सुरेंद्र सिंह ईओ नगर पालिका ने कहा कि हम बाजार बंद करवाने के लिए प्रयासरत हैं।
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