पीलीभीत । पीलीभीत जिले के
स्थानीय किसानों ने मांग की है कि दिल्ली में अपनी जान गंवाने वाले
प्रदर्शनकारी किसान की विधवा और भाई के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को तुरंत
वापस लिया जाए।
मृतक किसान के पार्थिव शरीर पर तिरंगा लपेटने के कारण उसकी पत्नी और भाई
समेत 3 लोगों पर गुरुवार को एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले को लेकर
स्थानीय किसान नेता और राजनेता भी एफआईआर वापस लिए जाने की मांग का समर्थन
कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा है कि
वह पुलिस की कार्रवाई से हैरान नहीं हैं। उन्होंने कहा, "कानून की
टेक्नीकलिटी भी होती है और भावना भी होती है। टेक्नीकलिटी की हमेशा उसकी
स्पिरिट या भावना के संदर्भ में समीक्षा करनी चाहिए। यदि विरोध करने वाले
शहीद किसान के शरीर पर तिरंगा लपेटकर उसका सम्मान करना चाहते हैं, तो यह
राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा ही बढ़ाता है और तिरंगे के प्रति उनके प्रेम और
उनके गौरव के भाव को दर्शाता है। ऐसी स्थिति में किसी भी सरकार को कानून की
टेक्नीलिटी के बजाय इसके पीछे की भावना को देखना चाहिए।"
भारतीय
किसान यूनियन (बीकेयू) के जिला अध्यक्ष सतविंदर सिंह काहलों ने कहा है कि
किसान पंचायत एफआईआर का मुद्दा उठाएगी। उन्होंने कहा, "हम प्रधानमंत्री को
संबोधित करते हुए अपनी मांग का ज्ञापन अधिकारियों को सौंपेंगे।"
रालोद के प्रदेश उपाध्यक्ष मनजीत सिंह संधू और समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने भी एफआईआर वापस लेने की मांग की है।
संयोग
से एक और मृतक किसान नवप्रीत सिंह का शरीर भी राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा
गया था। दिल्ली में ट्रैक्टर पलटने के कारण सिंह की मृत्यु हो गई थी। इस
बारे में पूछे जाने पर कि बरेली जोन के एडीजी अविनाश चंद्र ने कहा, "रामपुर
में भी एक एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज संहिता के
तहत केवल कुछ मामलों में ही इसके उपयोग की अनुमति है।"
--आईएएनएस
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