पीलीभीत । पीलीभीत लोकसभा सीट पर करीब साढ़े तीन दशक से पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मेनका गांधी और उनके बेटे सांसद वरुण गांधी काबिज रहे हैं। इस कारण इसे गांधी परिवार का गढ़ भी कहा जाता रहा है, लेकिन इस बार के चुनावी मैदान से गांधी परिवार दूर है। भाजपा ने सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद को दिया है।
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जितिन प्रसाद का कहना है विपक्ष के पास न नीति न विचार हैं सिर्फ और सिर्फ अवसरवाद है। पेश है बातचीत के कुछ अंश :
सवाल : पीलीभीत में आने से आपको किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ?
जवाब : कोई चुनौती नहीं है। जनता यह जान चुकी है कि विपक्ष के पास कोई विचार नहीं है। कोई नीति भी नहीं है। केवल और केवल अवसरवाद है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास विजन है। उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ देश सेवा की है। इसका सकारात्मक परिणाम भी दिख रहा है। बदलता और परिवर्तित होता भारत दिख रहा है। नई पीढ़ी को नई उम्मीद दिख रही है। चाहे धारा 370 का खात्मा हो या अयोध्या में बनने वाला भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण कार्य अथवा किसान निधि सम्मान का लाभ, शौचालय निर्माण, मुफ्त खाद्यान्न वितरण, पीएम आवास जैसी योजनाओं ने लोगों के जीवन को आधार दिया है।
सवाल : किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी से आप बचते हैं, लेकिन बीते दिनों सपा के अखिलेश यादव बहुत मुखर रहे। पीडब्ल्यूडी को लेकर आप पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं। क्या कहेंगे?
जवाब : देखिये, मैं किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाता हूं। इसलिए ऐसे आरोपों का कोई जवाब मेरे स्तर से नहीं दिया जाना है। वे जवाब सुनना चाहते हैं तो उन्हें 19 तारीख का इंतजार करना पड़ेगा। जनता उस दिन खुद ही जवाब दे देगी।
सवाल : पीलीभीत की सीट को गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है। अभी तो यहां आकर आपको वरुण गांधी के समर्थकों से निपटना पड़ रहा होगा। कैसे मैनेज कर रहे हैं?
जवाब : भाजपा का संगठन बहुत विशाल है। यही संगठन, उसके कार्यकर्ता और आम जनता हमें चुनाव लड़वा रही है। हम सब भाजपा के कर्तव्यनिष्ठ और समर्पित लोग हैं। पार्टी जैसा निर्देश देती है, ठीक वैसा ही प्रयास हम करते हैं। पार्टी के निर्देशों का पालन किया जाता है।
सवाल : वर्ष 2021 में आपने कांग्रेस को अलविदा कर दिया। राहुल गांधी के करीबियों में रहे हैं। अब भाजपा में कैसा महसूस कर रहे हैं?
जवाब : भाजपा एक विशाल संगठन है। दृष्टि भी बड़ी है। इसे ही मैंने देश सेवा का माध्यम बनाया है। देश सेवा का यह बड़ा प्लेटफार्म है। आपने जिन लोगों का नाम लिया है, जनता उन्हें पहले ही नकार चुकी है।
सवाल : पीलीभीत में अभी भाजपा और आप किस प्रकार से चुनाव लड़ रहे हैं। क्या आधार है और तैयारी कैसी है?
जवाब : भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही नहीं, स्थानीय स्तर का कार्यकर्ता भी आम लोगों के सम्पर्क में लगातार बना रहता है। चुनाव हो या न हो, वह जनता के सुख दुख का भागी बनता रहता है। अब भी सभी वही कार्य कर रहे हैं। उसी प्रयास को हम आगे बढ़ा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यों का यह ट्रैक रिकार्ड रहा है कि विश्व स्तर से लेकर देश और गांव स्तर तक विकास कार्य हुए हैं। धरातल पर हुए यही कार्य ही हमारे आधार हैं। हमारे चुनाव की तैयारी भी यही है।
ज्ञात हो कि जितिन प्रसाद कांग्रेस के कद्दावर नेता रह चुके हैं। वह राहुल और प्रियंका के करीबी माने जाते रहे हैं। 2004 में उन्होंने शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत मिली। 2009 में सीट आरक्षित होने पर उन्होंने पड़ोसी जनपद लखीमपुर में परिसीमन के बाद सृजित हुई धौराहरा सीट से चुनाव जीतकर वहां से सांसद बने। हालांकि 2014 व 2019 की मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2017 में तिलहर विधानसभा से वह चुनाव हार गए थे। जितिन प्रसाद ने नौ जून 2021 को कांग्रेस से नाता तोड़कर दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। सितंबर 21 में उन्हें योगी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया। 2022 में योगी की दूसरी बार सरकार बनने पर जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यूडी जैसा भारी भरकम मंत्रालय दिया गया है।
--आईएएनएस
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