पीलीभीत। गुरुवार को पीलीभीत कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय में
अजब नज़ारा सामने आया। पूर्वान्ह 11 बजे के बीच एक अधेड़ ग्रामीण ने अपने ऊपर
अचानक केरोसीन डाल लिया और आग लगाने की कोशिश की। जिससे कलेक्ट्रेट परिसर
में हड़कम्प मच गया। ग्रामीण के इस कृत्य पर डीएम के सुरक्षा गार्ड की नज़र
पड़ी तो उसने ग्रामीण को पकड़ लिया, साथ ही शोर भी मचा दिया। कलेक्ट्रेट परिसर
में ही मौजूद सीओ सिटी निशांक शर्मा ने पुलिस बल के साथ पहुँच ग्रामीण को
आग लगाने में नाकाम कर दिया और हिरासत में ले लिया। ग्रामीण जमीनी विवाद में
उलझा हुआ था। उसका कहना है कि उसकी कोई सुनवाई किसी स्तर पर नहीं हुई
जिसकी वजह से उसने आत्मघाती कदम उठा लिया। उसने पुलिस पर पैसे लेकर दूसरे
पक्ष पर रिश्वत लेकर सहयोग का आरोप भी लगाया।
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घटना
अपराहन लगभग 11 बजे की है। जब कलेक्ट्रेट परिसर में बीसलपुर कोतवाली
क्षेत्र के गाँव भौनिया का ग्रामीण श्रीपाल तेज कदमों से आया। उसने
जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर अपने ऊपर केरोसीन तेल छिड़कना शुरू कर दिया।
इसी बीच डीएम के सुरक्षा गार्ड राम श्रंगार की नजर पड़ी। वह तुरंत दौड़े और
उससे केरोसिन छीन लिया तथा शोर मचा दिया। जिससे कलेक्ट्रेट परिसर में हड़कम्प मच गया।
इत्तेफाक से कलेक्ट्रेट परिसर में सीओ सिटी
उन्होंने और पुलिस कर्मियों ने श्रीपाल को आग लगाने
में नाकाम कर दिया। श्रीपाल ने बताया कि उसने एक दलित महिला की जमीन खरीदी
थी। लेकिन एक परमीशन जो दलित की जमीन खरीदने के लिए जरूरी होती है। महिला की मृत्यु के बाद में कुछ लोगों ने जमीन पर
यह कहते हुए कब्जा कर लिया कि महिला ने मृत्यु से पूर्व जमीन उन्हें बेच दी
है।
इसी मामले में न्याय मांगने के लिए वह हर जगह
चक्कर लगाकर थक गया तो उसने यह कदम उठाया। वही पुलिस ने आत्मदाह की कोशिश
करने वाले ग्रामीण श्रीपाल को हिरासत में ले लिया है। इधर
एडीएम अजयकांत सैनी ने बताया कि इस प्रकरण में जो जानकारी मिली है उसके
अनुसार ग्राम भोनी तहसील व कोतवाली बीसलपुर निबासी गेंदा पत्नी स्व0 केदार
की मृत्यु हो चुकी है। रिहायशी जमीन का प्लॉट है। आत्मदाह करने बाला आरोपी
ऋषिपाल अपने को गेंद का भाई बताता है।उसका कहना है कि मरने से पूर्व गेंद
ने उससे 10 हजार रुपये लेकर जमीन उसके नाम लिख दी थी। तब से वह वहीं पर
झोपड़ी डाल कर रह रहा है। इस बीच उसके बड़े बेटे रामसेवक गांव के ही वीरपाल
को बेंच दी। और नोटरी वकील से बैनामा भी लिखवा दिया।
मामले में पुलिस ने गत
22 अप्रैल को दोनों पक्षों पर शांति भंग की कार्रवाई कर जेल भी भेजा था।
गुरुवार को दवाब बनाने के उद्देश्य से ऋषिपाल ने आत्मदाह की कोशिश की। इस
प्रकरण में जांच की जा रही है। आरोपी ने पुलिस पर दूसरे पक्ष से धन लेकर
सहयोग करने का आरोप भी सरेआम लगाया।
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