पीलीभीत। पीलीभीत जनपद में राजस्व विभाग में रिश्वतखोरी अपने चरम पर है। आखिर हो भी क्यों न जब शीर्षस्थ अधिकारी वीडियो जैसे सबूतों को भी नकारते हुए यह कहते पाए जाएं कि जब कोई उनसे आकर शिकायत करेगा तो वे कार्रवाई के बारे में सोंचेंगे। इसको तो आरोपी के प्रति अधिकारियों की बचाव की मुद्रा ही कही जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वाह रे मोदी और वाह रे योगी जी और आपकी सरकार। क्या ऐसे ही भ्रष्टाचार दूर हो सकेगा। आपकी सूची के इन नए अधिकारियों की भी सोच में भी कोई बदलाव नही दिखाई देता है। फिर इनके बदलने से क्या लाभ है। पीलीभीत में राजस्व विभाग की मनमानी में कोई कमी नहीं है। घोटालों से लबालब भरा पड़ा है पूरा महकमा। अभी अभी नई तहसील अमरिया क्षेत्र के बढ़ेपुरा गांव के लेखपाल राधेकिशन किसी भी कार्य को बिना सुविधा शुल्क के नहीं करते है। उन्होंने प्रत्येक कार्य के अलग-अलग रेट तय कर रखे हैं। यदि उनको कोई कम मूल्य देता है, तो उससे पूरा धन लेने के बाद ही अभिलेख उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार के दो वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल किये गए है जोकि पूरे जनमानस में चर्चा विषय बने हुए हैं।
इससे पहले अमरिया तहसील में ही कानून के नाम पर वसूली करते लेखपाल उमेश सक्सेना का वीडियो वायरल हो चुका है। किसानों से तूता बंदी के नाम पर पांच हजार रुपये की मांग करता व पैसे लेता दीनानगर लेखपाल गांव में तैनात लेखपाल उमेश सक्सेना, पहले भी कई बार रिश्वत लेते वीडियो में कैद हो चुका है। हाल ही में सैकड़ों एकड़ वक्फ बोर्ड की भूमि का घोटाला तत्कालीन डीएम के फर्जी हस्ताक्षर से सामने आ चुका है। जिसमें सीधे प्रभारी तहसीलदार का हस्तक्षेप था। वीडियो वायरल होने के बाद अब इस पर डीएम शीतल वर्मा का ये कहना कि बिना शिकायतकर्ता के कोई भी कार्रवाई होना संभव नहीं।
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