पीलीभीत। लगातार हो रहे बाघ के हमलों को लेकर टाइगर टेरर जोन बन चुके
पीलीभीत के लोगों में बाघ की दहशत का अंदाजा आप खेतों की पगडंडियों पर
लड़खड़ाते पैरों को देखकर लगा सकते हैं। दिन हो या रात इंसानी आखों में
आदमखोर बाघों का खौफ साफ दिखाई देता है। डरे सहमे लोगों के बीच हर कोई
जानना चाहता है कि आखिर बाघों का इतना आतंक क्यों है ? क्यों शहरों का रूख
कर रहे हैं वनराज ? ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज
खुला तो सबकी आँखें सन्न रह गई, क्योंकि और कोई नहीं आये दिन हो रहीं इन
घटनाओं के किये कोई और नहीं बल्कि वन विभाग ही जिम्मेदार है। इस बात का
खुलासा पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने उस वक़्त किया जब बीते दिन हुए बाघ के
हमलों पर उनकी राय जानी गई। हेमराज ने बताया कि टाइगर रिजर्व की आड़ में वन
विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधों के बावजूद नलकी और घास की अंधाधुंध
कटाई की जा रही है। साथ ही बड़े पैमाने पर जंगल की कीमती लकड़ी का कटान कर
लाखों की मोटी रकम पैदा की जा रही है।
पर्यावरण
को होने वाले नुकसान ने जीवन चक्र और खाद्य श्रंखला को इस कदर तोड़कर रख
दिया है जिससे वनराज के सामने जहां खाने का संकट उत्पन्न हो गया है। वहीं वो
जंगल में खुद को असुरक्षित महसूस कर शहरों की तरफ रूख कर रहे है। हेमराज
ने इस दौरान सरकार पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि इस पूरे खेल में
प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी शामिल हैं, उन्हीं की मिलीभगत से ये सारा खेल
खेला जा रहा है।
पूर्व
मंत्री हेमराज ने बीते दिन जनपद के न्यूरिया और गजरौला इलाके में हुए
टाइगर अटैक पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुये वन विभाग की लताड़ भी
लगाई। कहा कि समस्या का निराकरण न होने पर जल्द बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
टाइगर
हमले की घटना को एक हफ्ता भी न बीत पाया कि जनपद के गजरौला और मरौरी ब्लाक
में टाइगर ने फिर एक महिला समेत दो लोगों पर हमला कर दिया। दोनों को गंभीर
हालत में जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर
बनी हुई है।
नन्हे
लाल (निवासी बसंतापुर थाना न्यूरिया) जब शौच के लिए खेत में जा रहा था उसी
वक़्त दो शावकों ने उस पर हमला बोल दिया।जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो
गया। इसी इलाके में बीती रात बाघ ने एक नील गाय को अपना निशाना बनाया था।
दूसरी
तरफ सावित्री देवी निवासी डेरा मदरिया थाना गजरौला जब पड़ोस के रहने वाले
एक सरदार के फार्म हाउस से खाना बनाकर अपने घर लौट रही थी तभी सूनसान इलाके
में खेत में छिपे बाघ ने उस पर अचानक हमला बोल दिया। इस दौरान सावित्री की
चीख पुकार सुनकर खेत में काम कर रहे लोगों ने आनन फानन में बाघ को दौड़ाकर
सावित्री की जान बचाई। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया
गया है,जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। हमले से घायल दोनों की हालत में
कोई खास सुधार नहीं है।
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