नोएडा । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के
बाद प्राधिकरण दो दिन में 75 बिल्डर परियोजनाओं को बकाया राशि जमा करने के
लिए नोटिस जारी कर रहा है। इन बिल्डरों पर 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है।
वैसे कुल बकाया 12 हजार करोड़ रुपये का है। इसमें 3 हजार करोड़ रुपये
एनसीएलटी में चल रहे मामलों के है। इस वसूली के लिए नए विकल्प देखे जाएंगे।
नोटिस के तहत बिल्डर को 15 दिन का समय दिया जा रहा है। 15 दिन में बकाया
जमा नहीं होने पर आरसी जारी की जाएगी। जिला प्रशासन फिर भूलेख प्रक्रिया के
तहत बिल्डर से वसूली करेगा। इसके लिए बिल्डर की प्रॉपर्टी को अटैच किया
जाएगा। इसके बाद मुनादी और फिर नीलामी के जरिए वसूली की जाएगी। प्राधिकरण
वसूली के लिए उन प्रॉपर्टी का आवंटन निरस्त कर सकता है जिन पर कुछ नहीं
बना। इसके लिए टीमों की ओर से सर्वे कर एक सूची तैयार की जा रही है। इस
वसूली में आम्रपाली और यूनिटेक के मामलों को नहीं जोड़ा गया है, क्योंकि
उनके से अदालतों में मामले चल रहे है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
करीब 12 दिन पहले सुप्रीम
कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को निष्प्रभावी करते हुए नोएडा प्राधिकरण की
ब्याज दर के हिसाब से बिल्डरों को बकाए का भुगतान करने का आदेश दिया था।
इसके बाद प्राधिकरण ने बकाया धनराशि का आकलन शुरू किया। अधिकारियों ने
बताया कि प्राधिकरण ने बकाए की गणना 11.5 प्रतिशत साधारण ब्याज और तीन
प्रतिशत दंड ब्याज के साथ करवाई है। यह दरें 30 जून 2020 तक लगाई गई हैं।
इसके
बाद 1 जुलाई 2020 से गणना नौ जून 2020 को आए शासनादेश के मुताबिक की गई
हैं। शासनादेश में बकाये पर एमसीएलआर के मुताबिक, ब्याज दरें और एक प्रतिशत
प्रशासनिक शुल्क लेने के निर्देश जारी हुए थे। प्राधिकरण अधिकारियों ने
बताया कि ग्रुप हाउसिंग की 116 परियोजनाएं हैं।
--आईएएनएस
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