नोएडा। लेट्स एमडी ने क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर अस्पताल में मेडिकल बिलों का भुगतान करने के लिए मेडिकल पेमेंट कार्ड लांच किया है। इस कार्ड से भुगतान पर करने पर 18 ईएमआई में बिना किसी ब्याज के भुगतान किया जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लेट्सएडी के संस्थापक निवेश खंडेलवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि लेट्स एमडी पेमेंट कार्ड किसी क्रेडिट कार्ड की तरह ही काम करता है। इसकी लिमिट 5 लाख रुपये तक है तथा 18 महीने के अंदर भुगतान करने पर कोई ब्याज नहीं चुकाना होता है।
निवेश ने कहा कि इस कार्ड की मदद से 2 घंटे से भी कम समय में तुरंत अस्पताल में सर्जरी अथवा अन्य बिलों का भुगतान किया जा सकता है। इस कार्ड से लिए गए ऋण का भुगतान 60 महीनों की अवधि में किया जा सकता है। यह कार्ड परिवार के चार सदस्यों या उससे ज्यादा के लिए भी वैध होता है।
उन्होंने कहा, "इसके साथ ही यह कार्ड चिकित्सा बीमा कटौती को भी कवर करता है, जिससे आप कर छूट हासिल कर सकते हैं। इस कार्ड के साथ 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मुफ्त प्रदान किया जाता है। इस कार्ड का उपयोग सभी तरह की बीमारियों में किया जा सकता है, जिसमें आईवीएफ, सेरोगेसी और कॉस्मेटिक सर्जरी भी शामिल है।"
उन्होंने कहा, "यह कार्ड दिल्ली एनसीआर के 1000 से ज्यादा चिकित्सा केंद्रों में 1000 से ज्यादा बीमारियों के लिए वैध है और इसकी लागत 11 रुपये रोजाना है। यानी 999 रुपये में एक कार्ड लेने पर एक साल के लिए करीब दो लाख रुपये के मेडिकल बिलों का भुगतान किया जा सकता है।
निवेश ने कहा कि लेट्सएमडी इस कार्ड के अलावा सर्जरी अथवा अन्य मेडिकल बिलों के लिए ऋण भी मुहैया कराते हैं। उन्होंने कहा, "हमने एक उधारकर्ता को 20 लाख रुपये का ऋण दिया, जो एक बड़ी कंपनी के निदेशक थे और उनकी मासिक आय 5 लाख रुपये प्रति महीने थी। उनके बेटे के इलाज के खर्च का बकाया 40 लाख रुपये था, क्योंकि वह दो महीने से ज्यादा समय से आईसीयू में दाखिल था। पिता ने हालांकि कई निवेश कर रखे थे, लेकिन ऐन वक्त पर उन्हें राशि जुटाना संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने ऋण लेने की सोची। यह एक ऐसे मामले का उदाहरण है, जहां मेडिकल बिल अच्छी कमाई करनेवाले परिवारों को भी अपंग बना सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "हमारे पास कई ऐसे मरीज आते हैं, जो हमसे आईवीएफ, सरोगेसी के लिए ऋण के बारे में पूछते हैं। भारत जैसे देशों में बच्चा पैदा करने में असमर्थता तलाक के बड़े कारणों में से एक है। भारत में आईवीएफ की औसत कीमत 1.5 लाख रुपये है और सरोगेसी की औसत कीमत 12 लाख रुपये है। जिन लोगों को आईवीएफ कराने की सलाह दी जाती है, उनमें से 70 से 80 फीसदी लोग इसके लिए भुगतान करने में सक्षम नहीं है। लेट्सएमडी के 0 फीसदी ब्याज वाले उत्पादों ने देश भर के 4,000 से ज्यादा आईवीएफ मरीजों की मदद की है।"
स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर उस दिशा में काम करने वाले निवेश ने कहा, "हम कई सारे मरीजों की कॉस्मेटिक सर्जरी कराने में भी मदद करते हैं, जिसमें हेयर ट्रांसप्लांट और स्किन ट्रीटमेंट जैसी सर्जरी शामिल है। ये उपचार हालांकि लोगों के लिए जरूरी नहीं होते, जिन्हें इनकी जरूरत नहीं है। लेकिन भारत में ये बहुत बड़े सामाजिक कलंक का कारण होते हैं और कई लोग इसे कराना चाहते हैं।"
(आईएएनएस)
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