मुजफ्फरनगर। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर दंगों में अपने दो भाइयों की हत्या के प्रत्यक्षदर्शी रहे व्यक्ति की यहां खतौली में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। मुजफ्फनगर एवं आस-पास के इलाकों में अगस्त और सितंबर 2013 में हुए साम्प्रदायिक दंगों में 60 से ज्यादा लोगों की जान गई थी और 40,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्षेत्राधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि मामले के प्रत्यक्षदर्शी अशफाक की सोमवार को खतौली में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अशफाक के भाइयों की कथित तौर पर हत्या करने के लिए आठ लोगों पर मुकदमा चल रहा है और मामले में अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है। कुमार ने बताया कि पुलिस गोली चलाने वाले का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। उन्होंने बताया कि अशफाक की हत्या तब की गई जब वह दूध पहुंचाने जा रहा था।
पुलिस ने बताया कि वह दंगों के दौरान मारे गए अपने दो भाइयों नवाब एवं शाहिद की हत्या का गवाह था और इससे पहले उसे मामला वापस न लेने पर खतरनाक परिणाम भुगतने की धमकियां भी मिल चुकी थी। ऐसा बताया जा रहा है कि अशफाक ने धमकियां मिलने के बाद पुलिस सुरक्षा भी मांगी थी।
गौरतलब है कि अभी फरवरी में ही स्थानीय अदालत ने 2013 मुजफ्फरनगर दंगों की शुरुआत से पहले हुई दो युवकों की हत्या मामले में सात लोगों को दोषी करार दिया था इन सातों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इनमें से एक आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ था। कहा जाता है कि 2013 में इन्हीं दोनों युवकों की हत्या के बाद मुजफ्फरनगर दंगे भडक़े थे। कवल गांव में भडक़े इन दंगों में 60 लोगों की मौत हुई थी।
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