मुजफ्फरनगर।गुरुवार को देश की सरकार ने नई संसद में गुरुवार को अपना पहला अन्तरिम बजट पेश किया।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रमवार योजनाओं सहित ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट महिलाओं, गरीबों, युवाओं और किसानों के हित में पेश किया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को "केवल चुनावी ढ़कोसला और, देश के किसानों, आदिवासियों, गरीबों, महिलाओ और युवाओं के साथ धोखा " करार दिया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि, केन्द्र सरकार द्वारा कहा गया कि देश की मंडियों को ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) से जोड़ा जा रहा है। यह योजना राष्ट्रीय बाजार को स्थापित करने के नाम पर चलाई जा रही है, जिससे किसान देश के किसी भी कोने में बैठे व्यापारी को अपनी फसल बेच सकें।
उन्होंने आगे कहा कि, भारत सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के नाम पर ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पूर्व में भी देश की डिफाल्टर कम्पनी नागार्जुन फर्टिलाईजर्स एण्ड केमिकल्स लिमिटेड को दिया, जो कि 1500 करोड़ रूपये न चुका पाने के कारण दिवालिया घोषित कर दी गई।
टिकैत ने कहा कि इस योजना से अगर ऐसी डिफाल्टर कम्पनियां और कॉरपोरेट कम्पनियां फसल खरीद के नाम पर जुडेंगी, तो इसका सीधा नुकसान देश के किसानों को होगा। उनहोंने बताया कि इस योजना में हुई धांधली के बारे में अवगत कराने के लिए देश के पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर जानकारी दी है।
भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा योजना व 11.8 करोड किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि धरातल पर यह दोनों योजनाएं गायब हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि, देश में बेमौसम हुई बरसात व ओलावृष्टि से बहुत से राज्य चपेट में आए। प्रशासन ने जिलास्तर व तहसीलस्तर पर सर्वे तो कराए, लेकिन किसानों को उसका लाभ नहीं मिला। वहीं पीएम सम्मान निधि में 500 रुपये प्रतिमाह दी जाने वाली धनराशि देश के सबसे मजबूत स्तम्भ और देश के आय के स्रोत किसानों का भला नहीं कर सकती हैं। यह सिर्फ आंकड़ों में नजर आती है।
टिकैत ने कहा कि इस बजट में पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई कटौती नहीं है। महंगाई कम करने की कोई बात नहीं है। महिला, गरीब, युवा, आदिवासी, किसान सिर्फ कागजों पर नजर आता है। नई संसद में पुराने ढर्रें पर पेश अन्तरिम बजट केवल चुनावी ढ़कोसला है। यह देश के किसान, युवा, गरीब, आदिवासी के साथ धोखा है।
--आईएएनएस
पीएम मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 'सेवा पखवाड़ा' मनाएगी भाजपा
मनी लॉन्ड्रिंग मामला : AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की बढ़ी मुश्किलें
हरियाणा में गठबंधन की चर्चा के बीच 'आप' ने जारी की पहली लिस्ट, जानें किसे कहां से मिला टिकट
Daily Horoscope