मुरादाबाद। गाजियाबाद की डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के हालिया विवादित बयानों पर पर सियासी घमासान जारी है। अपने बयान की वजह से उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने भी उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने यति नरसिंहानंद के खिलाफ राजद्रोह की कार्रवाई की मांग की।
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डॉ. हसन ने कहा कि इस आदमी को महंत मत कहिए। महंत ऐसे नहीं होते, जो दूसरे मजहब वालों की बेइज्जती करे। यह व्यक्ति पहले भी अपमानजनक बयान दे चुका है और अब भी ऐसा कर रहा है। यह उन शक्तियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जो देश को कमजोर करना चाहती हैं।”
उन्होंने कहा कि हर किसी को मालूम है कि मुसलमान अपने ऊपर होने वाले जुल्म को बर्दाश्त कर सकता है, उल्टे सीधे कानून बर्दाश्त कर सकता है, मॉब लिंचिंग को बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन अपने पैगंबर की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि यति नरसिंहानंद इस बात को जानते थे, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने ऐसा बयान दिया, ताकि हिंदुस्तान को अस्थिर किया जा सके।
एसटी हसन ने सवाल करते हुए कहा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? उनके ऊपर ऐसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है कि वह बस मुचलके पर छूट जाएगा, उसे एक दिन भी जेल नहीं जाना पड़ेगा, हमें बेवकूफ बनाया जा रहा है। हमारी मांग है कि इस पर एनएसए और देशद्रोह की धारा लगाई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी हरकत फिर न हो।
यति नरसिंहानंद के बयान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शन कानून के दायरे में होना चाहिए। हमें पता है कि हमारी कौम के लिए यह बहुत बुरा समय है। कोई ऐसा काम न हो जाए, जिससे बड़ी सजाएं हो जाएं। देखा जाए तो जो उकसाने वाला है, उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। सरकार मुसलमानों के प्रति किस तरह का व्यवहार कर रही है, यह सभी को स्पष्ट है।
--आईएएनएस
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