मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के एक गांव में पिछले साल अगस्त में गर्मियों में छह वर्षीय शिवांश ने पहली बार पानी में उछल-कूद की और खुशी का अनुभव किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आजादी के लगभग 76 साल बाद उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर की पहाड़ियों पर स्थित लहुरिया दाह गांव के लोगों को पहली बार पाइप से पानी की सप्लाई की गई।
तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट दिव्या मित्तल ने पाइपलाइन से पानी की सप्लाई शुरू कराई।
अब तक गांव के 1,200 लोग पानी के लिए पास के झरने पर निर्भर थे, जो गर्मियों में सूख जाता था। ऐसे में गांव में पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए टैंकर ही एकमात्र साधन थे। इसके लिए गांव वालों को पैसा देना पड़ता था।
गांव के निवासी कौशलेंद्र गुप्ता ने कहा, "हम पूरे साल भर का बजट पानी पर खर्च कर रहे थे। लहुरिया दाह तक पानी की पाइपलाइन लाने का काम कितना कठिन था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उचित योजना के अभाव में करीब एक दशक पहले बीच में ही काम रोक दिया गया था। जल जीवन मिशन में भी गांव को शामिल नहीं किया गया।"
एक अन्य निवासी जीवनलाल यादव ने पुरानेे दिनों को याद करते हुए कहा कि दूध बेचने के लिए वे मैदानी इलाकों में जाते थे और कंटेनर में पानी लेकर वापस आते थे।
उन्होंने कहा कि 25-30 सालों से गांव में टैंकरों से पानी की आपूर्ति होती थी और उनका पूरा बजट इसी पर खर्च हो जाता था। इस दौरान अक्सर लोगों के बीच झगड़े होते थे और तनाव पैदा होता था।
कौशलेंद्र गुप्ता ने कहा कि 4.87 करोड़ रुपये से अधिक की पिछली परियोजना के नतीजे नहीं आने और गांव तक पानी की आपूर्ति नहीं होने के बाद, हमने जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात की और उन्होंने समस्या पर ध्यान दिया। उन्होंने नए प्रयास शुरू किए और 10 करोड़ रुपये से अधिक की नई परियोजना को मंजूरी दी गई।
लहुरिया दाह, देवहार ग्राम पंचायत की सीमा में आता है। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भूभौतिकीविदों और अन्य तकनीकी विशेषज्ञों की मदद मांगी और कठोर चट्टानी सतह पर स्थित गांव तक पानी की पाइपलाइन ले जाने के लिए उपयुक्त तकनीक का पता लगाने के लिए जल जीवन मिशन, यूपी जल निगम, नमामि गंगे के अधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारी की एक संयुक्त टीम का गठन किया।
इसके बाद इस गांव के लिए अलग से एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया, जिसे मंजूरी मिल गई। आखिरकार 31 अगस्त 2023 को गांव में नल से पानी की सप्लाई शुरू हो गई।
गांव में एकमात्र कुएं का उपयोग वर्षा जल संचयन के लिए किया गया है, जबकि जानवरों के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए एक कृत्रिम बांध बनाया गया है।
मध्य प्रदेश सीमा पर मिर्ज़ापुर जिला मुख्यालय से 49 किमी दूर स्थित लहुरिया दाह में कोल, धारकर, यादव, पाल और केशरवानी समुदायों की मिश्रित आबादी है।
--आईएएनएस
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