ऋतु भार्गव, मेरठ। पुलिस अगर चाहे
तो पाताल में छुपे बैठे अपराधी को भी पकड़ कर उसे सलाखों के पीछे पंहुचा सकती है। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य है कि
पुलिस की लचर कार्यप्रणाली से न जाने कितने
लोग अक्सर न्याय मिलने से वंचित रह जाते और लोगों का कानून व्यवस्था से भरोसा उठ
जाता है। लेकिन मेरठ पुलिस ने आज एक महिला के हत्याकाण्ड
का खुलासा करते हुए समाज में पुलिस के प्रति नज़ीर पेश की है जिससे कहीं ना कहीं
पुलिस की धूमिल होती जा रही छवि में सुधार होगा और पुलिस पर भरोसा कायम होगा । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दरअसल, मामला मेरठ के खरखौदा थाना इलाके के
पीपलीखेड़ा गाँव का है। यहाँ
मुकेश अपने बीबी बच्चों के साथ रहता था। मुकेश मेहनत मज़दूरी कर अपने परिवार का पालन
पोषण करता था। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन उस दिन सब कुछ बदल गया जब १ मई 2016
को मुकेश ने अपनी पत्नी गीता को गाँव के ही रवि के साथ
आपत्तिजनक हालत में देख लिया। पत्नी
की बेवफाई से आहत मुकेश ने उसकी डंडे से पीट पीट कर
हत्या कर डाली। सूचना मिलने पर
पुलिस मौके पर पहुंची। तब
पुलिस को मृतका के पति और उसके रिश्तेदारों ने ये बताया कि गीता की सीढ़ियों
से गिर जाने के कारण मौत हुई है।
पुलिस ने मामले में जाँच के नाम पर खानापूर्ति कर इस मामले को ठन्डे बस्ते में डाल
दिया था।
लेकिन हत्या के कुछ दिन बाद एक अंग्रेजी अखबार में
ये खबर प्रमुखता से छापी गई जिसमे पति को हत्यारोपी बताया गया और इसके बाद ये
मामला जब उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो पुनः पुलिस की तरफ से हत्या का
मामला दर्ज कर नए सिरे से जाँच की गई।
फलस्वरूप पुलिस की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।
पुलिसिया पूछताछ में आरोपी पति ने अपने जुर्म का इक़बाल करते हुए बताया कि अवैध संबंधों
के चलते ही उसने अपनी पत्नी की हत्या की थी क्योंकि वो
पत्नी की बेवफाई से बहुत दुःखी था। वहीं पुलिस
ने हत्या में प्रयुक्त आला ए क़त्ल डंडा भी बरामद किया है।
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