मेरठ। उम्मीदवार चयन पर भारी विरोध के बाद राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को बागपत की छपरौली सीट से अपने उम्मीदवार वीरपाल राठी को हटाकर अजय कुमार को उम्मीदवार बनाना पड़ा है। आरएलडी का गढ़ छपरौली 2017 में पार्टी द्वारा जीती गई एकमात्र सीट थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह कदम तब आया है जब पार्टी आठ सीटों पर विद्रोह जैसी स्थिति का सामना कर रही है, जो समाजवादी नेताओं को दी गई है जो आरएलडी के चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं।
वीरपाल राठी, हालांकि सपा नेता नहीं हैं और आरएलडी के नेता हैं।
नए उम्मीदवार अजय कुमार ने 2002 का चुनाव 64,000 मतों के अंतर से जीता था।
बागपत के सूत्रों के मुताबिक, राठी की उम्मीदवारी का जाट समुदाय के बहुसंख्यक लोगों ने कड़ा विरोध किया है।
आरएलडी के एक नेता ने कहा कि उम्मीदवार का बदलना एक सकारात्मक संकेत है और पार्टी के उन नेताओं की उम्मीदें जगाता है जो टिकट न मिलने के कारण असंतुष्ठ थे।
आरएलडी उत्तर प्रदेश में सपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में है।
मेरठ के दो निर्वाचन क्षेत्रों के लिए गठबंधन के उम्मीदवारों की घोषणा के कुछ घंटों बाद, पार्टी के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया था और नाराज कार्यकर्ताओं ने सिवलखास निर्वाचन क्षेत्र में आरएलडी का झंडा भी जला दिया था।
दो उम्मीदवार - गुलाम मोहम्मद और मनीषा अहलावत सपा नेता थे जिन्हें आरएलडी के चुनाव चिह्न् पर टिकट दिया गया था।
आरएलडी नेताओं के अनुसार, पश्चिम यूपी की कम से कम 8 सीटों पर आरएलडी के चिन्ह पर सपा के उम्मीदवार हैं।
आरएलडी के एक नेता ने कहा कि अकेले मुजफ्फरनगर में, गठबंधन में आरएलडी को दी गई पांच सीटों में से चार में सपा के उम्मीदवार आरएलडी के चुनाव चिह्न् पर लड़ रहे हैं, जिससे रालोद कैडर नाराज हो गया।
--आईएएनएस
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