सूबे में शायद ही ऐसा कोई आर.टी.ओ. कार्यलय होगा जहां पर दलालों का दबदबा ना हो। वहीं सरकार बदलते ही अधिकारियों के भी काम करने का तरीका बदलता नज़र आ रहा है। एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम नें जिलाधिकारी के आदेश पर मेरठ के आर.टी.ओ. कार्यालय पर छापे मारी की। इस छापेमारी में पुलिस – प्रशासन की सयुक्त टीम नें कार्यलय के दोनों अंदर और बाहर से 35 से भी ज्यादा दलालों को हिरासत में लिया है। पकड़े गए इन सभी दलालों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
दो दिनों की छुट्टी के बाद रोजाना की तरह आर.टी.ओ. कार्यलय खुला लेकिन कुछ ही देर में यहां का माहौल देखने लायक था। अपर जिलाधिकारी प्रशासन, एस.पी. सिटी, ए.सी.एम., सीओ सदर, सीओ ब्रह्मपुरी, सीओ सिविल लाइन समेत छ थानो की फोर्स ने अचानक कार्यलय पर धावा बोल दिया। देखते ही देखते आरटीओ ऑफिस में अफरा तफरी मच गई। पुलिस के होमवर्क के सामने किसी की नहीं चली। कोई इधर भागा तो कोई उधर भागा। पुलिस और प्रशासन नें अपनी कार्यवाही करते हुए लगभग 35 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया।
छापेमारी करने पहुंचे ए.सी.एम अरिंवद सिंह की मानें तो काफी समय से आरटीओ में दलालो की मनमानी की शिकायत जिलाधिकारी को मिल रही थी। जिलाधिकारी के आदेश के बाद रेकी कर उन सब दलालो को चिह्नित किया गया जो संगठित तरीके से काम रहे थे।
एस.पी. सिटी अलोक प्रियदर्शी का कहना है कि ये कार्यवाही मुख्य रुप से दलालों का नेक्सस तोड़ने के लिए की गई। जब छापे मारी कि गई तो कुछ दलाल ऑफिस के अंदर बाबुओ के पास पाए गए। तो कुछ छापेमारी को देख भागने लगे।
इस सब को देख आर.टी.ओ. ममता शर्मा ने भी रंग बदलने में देर नहीं लगाई। उनके मुताबिक जो भी लोग चिह्नित किए गए थे वो उनके विभाग की लिस्ट के अनुसार है। इस कार्यवाही के बाद राहत महसूस की जा रही है साथ ही ऐसी कार्यवाही हर महीने होती रहनी चाहिए।
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