उल्लेखनीय है कि इससे पहले जब मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड अजमल कसाब को फांसी पर लटकाने की चर्चा शुरू हुई थी, उस वक्त भी पवन जल्लाद के हाथ कसाब के गले में फंदा लगाने के लिए कसमसाने लगे थे। विपरीत हालात और परिस्थितियों के चलते मगर वह मौका पवन जल्लाद के हाथ से निकल गया। उसके बाद संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को पवन जल्लाद से टंगवाने की चर्चा का बाजार गरम हुआ।
अफजल गुरु को तिहाड़ जेल के ही एक अधिकारी ने फांसी के फंदे पर टांग दिया। लिहाजा वह मौका भी पवन के हाथ से सरक गया। इस बार मगर तिहाड़ जेल महानिदेशालय द्वारा दो मर्तबा यूपी जेल महानिदेशालय को लिखी गई चिट्ठी में, पवन जल्लाद के नाम का साफ-साफ उल्लेख किया गया है। इसलिए पवन को उम्मीद है कि जिस तिहाड़ जेल के फांसी-घर में उसके पुरखों (दादा कालूराम जल्लाद) ने रंगा-बिल्ला से लेकर कश्मीरी आतंकवादी मकबूल बट्ट तक को फांसी पर लटकाया था, उसी तिहाड़ के फांसी-घर में वह एक साथ चार-चार मुजरिमों को फंदे पर लटकाएगा।
तिहाड़ के इतिहास में क्या हिंदुस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी जल्लाद को किसी जेल में एक साथ चार-चार मुजरिम लटकाने का मौका नसीब नहीं हुआ है। इसी खुशी में पवन जल्लाद के दिल की धडक़नें फिलहाल तो तेज हैं।
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