ऐसे शुरू हुई दोनो पक्षों के बीच हिंसा... ये भी पढ़ें - यहां कब्र से आती है आवाज, ‘जिंदा हूं बाहर निकालो’
मेरठ का उल्देपुर
गांव थाना इंचौली क्षेत्र में आता है। मेरठ-पौड़ी हाइवे पर गुजर रही
कांवड़ों को देखने के लिए गांव की कुछ दलित परिवारों की लड़कियां हाइवे पर
गई थी। वह जब गांव लौट रही थी तो गांव के ही सवर्ण लड़कों ने उनके साथ
छेड़छाड़ की, छींटाकशी की। लड़कियों ने अपने घर जाकर परिजनों को छेड़छाड़
की बात कह सुनाई।
दलित परिवारों ने अपनी बेटियों की आपबीती जब उन
परिवारों को बताई जिनके लड़कों ने बेटियों से छेड़छाड़ की थी तो वह लड़ने
को आमादा हो गए। दलितों के साथ आपत्तिजनक भाषा में टिप्पणियां की गई तो
दोनो पक्षों में बबाल शुरू हो गया। लाठी, डंडे और ईटों से जमकर दोनो ओर से
प्रहार हुए। इस दौरान आधा दर्जन लोग घायल हुए जिनमें कुछ महिलाऐं भी शामिल
है।
पथराव में एक ईट 19 साल के दलित छात्र रोहित को भी लगी और उसकी मौके पर
ही मौत हो गई। इसके बाद दलित पक्ष ने रोहित के शव को गांव के अंबेडकर
चौपला में रखकर करीब 4 घंटों तक हंगामा किया।
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