ऋतु भार्गव, मेरठ। पश्चिम मध्य प्रदेश में
स्वाइन फ्लू तेजी से बढ़ रहा है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम
के लिए व्यवस्था की गई है। लेकिन मेडिकल कॉलेज में जो हेल्थ स्टॉफ है यानी स्वाइन
फ्लू की रोकथाम के लिए जो डॉक्टर और स्टॉफ तैनात किया गया है उनको टीकाकरण और
दवाईयां नहीं दी गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसी को लेकर स्वाइन फ्लू से पीड़ित लोगों की संख्या में
इजाफा हुआ है। लेकिन अब इस पर कंट्रोल किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने एक और
खुलासा किया है कि इंजेक्शन और दवाईयां देने के आदेश तो जारी कर दिए गए थे लेकिन
प्रशासनिक और स्वास्थ्य महकमे के स्तर पर लापरवाही के चलते सही दवाईयां और
इंजेक्शन स्टॉफ तक नहीं पहुंच पाए इसकी जांच कराई जा रही है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ
नाथ सिंह मेरठ की सिवाल खास विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने आए। जिसमें उन्होंने
सिवाल खास में किए जा रहे विकास कार्यों की भी बैठक ली।
अलग-अलग विभागों में धीमे
चल रही सरकारी योजनाओं के मुद्दे को लेकर भी उन्होंने सरकारी विभाग के अधिकारियों
को हड़काया। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं में तेजी लानी चाहिए ताकि इसका अधिक से
अधिक लाभ जनता को मिल सके। आपको बता दें कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप सबसे ज्यादा
मेरठ में है। यहां पर स्वाइन फ्लू से अभी तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 225 से
ज्यादा लोग इस बीमारी से ग्रसित होकर पहचाने जा चुके हैं। जिन का इलाज अलग-अलग
अस्पतालों में चल रहा है।
इसके अलावा डेंगू और वायरल फीवर का भी कहर पश्चिम उत्तर
प्रदेश पर है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा इस बुखार की रोकथाम करने में नाकाम नजर आ रहा
है। वही स्वास्थ्य मंत्री दावा कर रहे हैं कि इस बीमारी को रोकने के लिए जो भी
जरूरी इंतजामात है वह किए जा रहे है।
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