मेरठ। सरधना थाना क्षेत्र के कालंद गांव निवासी एक फौजी द्वारा ड्यूटी के दौरान फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। योगेश शर्मा नाम का ये फौजी असम में आर्मी यूनिट में ड्राईवर के पद पर तैनात था। प्राइवेट एंबुलेंस में जब योगेश के शव को उसके घर लाया गया तो ग्रामीणों नें जमकर हंगामा किया। परिजनो का आरोप है कि योगेश नें आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी हत्या हुई है। फिलहाल योगेश के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कर परिवार वालों को सौंप दिया गया है जिसका गुरुवार को गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि योगेश को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए और अंतिम संस्कार सेना और राजकीय सम्मान के साथ किया जाना चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दरअसल योगेश शर्मा पुत्र बालेशवर 14 वर्ष पूर्व सेना में चालक के पद पर भर्ती हुए थे। फिलहाल उनकी तैनाती असम के पानागढ़ में थी। मंगलवार की सुबह असम सें सैन्य अधिकारियों ने फोन करके सूचना दी कि योगेन्द्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। वहीं दूसरी तरफ बुधवार को रात करीब नौ बजे योगेन्द्र के शव को लेकर सेना का एक सूबेदार ओमप्रकाश निजी एंबुलेंस से गांव पहुंचा। शव जैसे ही गांव पुहंचा तो ग्रामीणों नें गांव के बाहरी छोर पर रोक दिया। गांव वालों का कहना है कि न तो सेना ने पोस्टमार्टम रिपार्ट भेजी है और न ही मौत का कारण स्पष्ट किया गया है। ऐसे में योगश की मौत संदिग्ध लगती है।
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