मथुरा। सरकारी अस्पतालों में छह माह से एआरवी (एंटी रैबीज वैक्सीन) का स्टॉक निल होने के चलते बाजार में भी हालात बिगड़ गए हैं। इस समय बाजार में इसे प्रिंट रेट से भी अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। मजबूरी में लोगों को इसे खरीदना पड़ रहा है।
कुत्ता और बंदर के काटने पर लोग सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे हैं, लेकिन इंजेक्शन न होने के चलते निराश लौट रहे हैं। यह हालात छह माह से बने हुए है। यहां छह माह से एआरवी का स्टॉक निल है। बताया गया कि यहां हर माह करीब 300 से 400 एआरवी वाइल की आवश्यकता पड़ती है। अब कई गरीब और असहाय रोगी तो इंजेक्शन न मिलने पर बिना उपचार के ही लौट रहे हैं।
इधर, बाजार में मांग बढ़ने के कारण इसकी कालाबाजारी की जाने लगी है। दवा बाजार के सूत्र बताते हैं कि हाल ये हैं कि दो माह पहले तक 260 से 280 रुपये में मिलने वाला एआरवी अब 320 से 350 तक में बिक रहा है। जिला औषधि निरीक्षक दीपक कुमार का कहना है बाजार में एआरवी की बिक्री ओवर प्रिंट रेट पर हो रही है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। यदि ऐसा है तो इसका पता लगावाकर कार्रवाई की जाएगी।
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