कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में सितंबर माह में भूख से कथित रूप से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। ये हाल तब है जब सरकार सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के तौर पर मना रही थी। हालांकि अधिकारी इन मौतों का कारण भूख नहीं मान रहे।
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सभी मृतक महादलित समुदाय मुसहर जाति के हैं। ये लोग अपनी भूख शांत करने के लिए लंबे समय से चूहे खाकर अपने पेट भरते चले आ रहे हैं। वे आज भी चूहे ही खाते हैं और कभी-कभी घोंघा भी खाते हैं। सरकारी अधिकारी इस बात को मानने को तैयार नहीं कि ये मौतें भूख से हुई हैं, लेकिन दबी-छिपी जुबान स्वीकारते हैं कि मौतों के पीछे कोई बीमारी नहीं पाई गई।
कुशीनगर निवासी सोनवा देवी के दो बेटों की भूख और बीमारी
से 14 सितंबर को मौत हो गई। रकबा डुल्मा पट्टी
गांव वीरेंद्र मुसहर की पत्नी और उनके 6 साल के बेटे श्याम की मौत हो गई। इसकी मौत के कुछ दिन
बाद ही उनकी दो महीने की बेटी की भी मौत हो गई।
माना जा रहा है कि ये मौतें भूख के कारण हुईं और उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया। ये लोग मुसहर जाति के हैं जो एक महादलित समुदाय है और लंबे समय से चूहे खाकर अपने पेट भरते चले आ रहे हैं। वे आज भी चूहे ही खाते हैं, कभी-कभी घोंघा भी। उधर, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ये मौतें भूख की वजह से नहीं, बीमारी की वजह से हुई हैं। हालांकि, कुछ अधिकारी दबी-छिपी जुबान में बताते हैं कि इन मौतों के पीछे कोई बीमारी नहीं पाई गई।
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