लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा प्रकाशित प्रकाशन में आगरा के ताजमहल का उल्लेख नहीं किए जाने से पर्यटन उद्योग के दिग्गजों में मायूसी छा गई है। उद्योग के दिग्गजों और विरासत संरक्षणविदों ने आगरा के इस मशहूर स्मारक के खिलाफ अन्याय करने का आरोप लगाया है। आलोचकों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की नजरों में 17वीं सदी का विश्व विरासत स्मारक ताज महल अब कोई महत्वपूर्ण आकर्षण नहीं रहा। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी अब दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को भी सांप्रदायिकता के चश्मे से देख रहे हैं। जबकि, पूरे देश में ताजमहल एक मात्र पर्यटन स्थल है, जिसके देखने का ख्वाब भारत आने वाले किसी भी विदेशी की आंखों में होता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयंत ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा जानबूझकर द्वेष की भावना से कार्य किया जा रहा है और ताजमहल की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। ताजमहल किसी व्यक्ति विशेष या धर्म या जाति के नाम पर नहीं, बल्कि भारत की ऐतिहासिक धरोहर के रूप विश्व विख्यात है और दुनिया के सात अजूबों में से एक है। उन्होंने कहा कि ताज पूरे विश्व में भारत की पहचान है। जयंत ने ताजमहल को भी पर्यटन बुकलेट में शामिल करने की मांग योगी सरकार से की है।
ताज को मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था:योगी
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