लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) लागू करने जा रही है। पुलिस निदेशक ओमप्रकाश सिंह के निर्देशानुसार, मंगलवार को इसका मसौदा सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) व एसपीए, आईजीए डीआईजी (रेंज) और सभी एडीजी (जोन) को भेजकर इस पर अमल करने को कहा गया है। डीजीपी ऑफिस ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस अधीक्षक एसपी को निर्देश जारी किए हैं कि अभियान चलाकर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व अन्य विदेशी नागरिकों को चिह्न्ति किया जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि अपर मुख्य सचिव (सूचना एवं गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि यह रूटीन है। इसे हर समय अमल किया जाता है। एनआरसी केंद्र का विषय है। अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।"
पुलिस मुख्यालय के तैयार मौसौदे में निर्देश दिए गए हैं कि शहर के बाहरी इलाकों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सड़क किनारे बसी नई बस्तियों में यह अभियान चलाया जाए। इन स्थानों पर अभियान के दौरा विशेष सतर्कता बरती जाए और वीडियो रिकॉर्डिग भी कराने को कहा गया है। इन स्थानों पर संदिग्ध लोगों के सत्यापन के दौरान यदि कोई व्यक्ति अपना पता किसी अन्य जिले या राज्य में बताता है तो उसका डाटा तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही उस जिले व राज्य से उस व्यक्ति का सत्यापन भी कराया जाए। इसके साथ ही ऐसे विदेशियों के फिंगर प्रिंट लेकर ब्यूरो को भेजे जाएं और इसका अलग से जिला वार डेटाबेस तैयार किया जाए।
साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि विभिन्न कंपनियों में काम कर रहे विदेशी नागरिकों के सभी दस्तावेजों का सत्यापन करा लिया जाए। कंपनियां या व्यापारिक प्रतिष्ठान ऐसे लोगों के पहचान पत्र अपने पास रखें या फिर पुलिस से सत्यापन करे लें। इस कार्रवाई के संबंध में समय-समय पर शासन को अवगत भी कराया जाए। विभिन्न त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस निर्देश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
जिला पुलिस प्रमुखों को भेजे गए निर्देश में पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि जानकारी मिली है कि बांग्लादेशी अवैध रूप से राज्य में रह रहे हैं और उनमें से कई लापता हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यहां रहने वाले बांग्लादेशियों और अन्य विदेशियों की पहचान करना और उन्हें सत्यापित करना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया है कि यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि यहां रहने के लिए विदेशियों ने राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे कौन-कौन से दस्तावेज हासिल किए हैं।
निर्देश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने निवास या प्रवास का फर्जी दस्तावेज देता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, उनके दस्तावेज का निरस्तीकरण भी होगा।
असम में एनआरसी के लागू होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश में भी इसे लागू किया जाएगा।
--आईएएनएस
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