लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है
कि उसने कोरोना संकट में भी किसानों की जेब भरी है। लॉकडाउन ऐसे समय हुआ,
जब रबी की फसलें तैयार थीं। ऐसे में योगी सरकार ने एक तरफ जहां किसानों का
पूरा ख्याल रखते हुए गेहूं, चना और गन्ना मूल्य का भुगतान किया, वहीं दूसरी
तरफ 2 करोड़ 4 लाख किसानों को दो बार 2-2 हजार रुपये की प्रधानमंत्री
किसान सम्मान निधि भी भेजी।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, योगी सरकार ने किसानों के
हित को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के दौरान फसलों की कटाई के लिए सबसे
पहले कृषियंत्रों को खेतों तक ले जाने की छूट दी। जायद की जो फसल, फल और
सब्जियां खेत में थीं, उनकी सुरक्षा के लिए दवाएं उपलब्ध हों, उनके लिए
खाद-बीज के दुकानों को खोलने की अनुमति दी। इससे जायद की फसल लेने वालों को
भी आसानी हुई। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए एमएसपी
(न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद भी शुरू करवाई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसी क्रम में कुल 3़
477 लाख कुंतल गेहूं खरीदकर 3 हजार 890 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।
यही नहीं, इस दौरान प्रदेश सरकार फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनियों (एफपीसी) के
माध्यम से किसानों के खेतों पर जाकर भी की गेहूं की खरीद की। इसके अलावा
सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 8887 मीट्रिक टन चने की खरीद कर भुगतान
कराया।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उप्र
सरकार ने गन्ना किसानों के लिए भी बड़ा कदम उठाया। इस दौरान प्रदेश की सभी
119 चीनी मिलें चलती रहीं और इस सत्र में 20 हजार करोड़ रुपये का गन्ना
मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में भेजा गया। पिछले तीन सालों में
योगी सरकार ने किया गन्ना किसानों को 99 हजार करोड़ का भुगतान कर चुकी है।
बताया गया है कि चीनी मिलों के संचालन से प्रदेश के 35 से 40 हजार किसान इनसे सीधे जु
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope