एसपी विक्रांत वीर ने बताया कि निलंबित किए गए पुलिस कर्मियों ने कार्य के
प्रति लापरवाही, अपराध नियंत्रण, घटनाओं व दर्ज एफआईआर में शिथिलिता बरती,
जिस वजह से इनके विरुद्घ कार्रवाई की गई है।"
ज्ञात हो कि उन्नाव की
पीड़िता पांच दिसंबर को दुष्कर्म के मामले में पैरोकारी के लिए रायबरेली
जा रही थी। तभी कुछ लोगों ने उस पर पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया
था। इसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शुक्रवार रात 11.40 बजे उसकी
मौत हो गई। पीड़िता की मौत गंभीर रूप से जलने की वजह से हुई। उत्तर प्रदेश
सरकार ने पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये और प्रधानमंत्री आवास योजना के
तहत घर देने का ऐलान किया है।
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