अयोध्या । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को रामजन्मभूमि स्थल पर भगवान राम की पूजा की और भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण जी को नए आसन पर विराजमान कराया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसके अलावा सीएम योगी ने हनुमान गढ़ी में भी पूजा-अर्चना की। वहीं सीएम योगी ने स्थानीय प्रशासन और श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के साथ भी बैठक की।
बता दें कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में भूमि पूजन के लिए पांच अगस्त तय किया गया है।
इसकी तैयारियों का जिम्मा स्वयं मुख्यमंत्री ने संभाल लिया है। शनिवार को
वह अयोध्या पहुंचे। वहां उन्होंने रामलला के दर्शन किये और वहां तैयारियों
का जायजा लिया।
हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना के बाद मुख्यमंत्री कारसेवकपुरम पहुंचे। यहां
उन्होंने तराशे गए पत्थरों का जायजा लिया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने
मुख्यमंत्री को सारी जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि मंदिर निर्माण में इन
पत्थरों की क्या उपयोगिता रहेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने रामजन्मभूमि स्थल पर भगवान राम की पूजा की और भरत, शत्रुघ्न
और लक्ष्मण जी को नए आसन पर विराजित कराया। इसके बाद वह हनुमानगढ़ी पहुंचे।
परिसर में राम मंदिर निर्माण की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान जिला
प्रशासन के अधिकारी व ट्रस्ट के लोग मौजूद रहे। न्यास कार्यशाला में
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपतराय ने मुख्यमंत्री
योगी आदत्यिनाथ को तराशी गई शिलाओं के बारे में जानकारी दी।
कारसेवकपुरम
में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साधू संतों के साथ बातचीत की।
मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में संतों से स्पष्ट कहा कि कोरोना महामारी के
कारण अगर कोई भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए तो वे बुरा न
मानें। कार्यक्रम के दौरान इसका प्रसारण एलईडी टीवी के माध्यम से लाइव
दिखाया जाएगा।
चंपत राय ने योगी और संतों को बताया कि शिलान्यास के
कार्यक्रम में अयोध्या और अयोध्या के बाहर आध्यात्मिक जैन, बौद्ध सभी
धर्मो के लोगों को बुलाने पर विचार चल रहा है।
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