लखनऊ| भारत के सबसे बड़े राज्य
उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के बारे में किए गए एक सर्वेक्षण में यह
खुलासा हुआ है कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली 56 फीसदी महिलाएं
काम करना चाहती हैं, 67 फीसदी महिलाएं आगे पढ़ना चाहती हैं, कम से कम पांच
फीसदी महिलाएं नियमित रूप से पार्लर जाती हैं और 10 फीसदी महिलाएं टीवी पर
रोज खबरें देखती हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य के 75 में
से 25 जिलों के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली 5,000 महिलाओं पर सर्वेक्षण
किया गया।
सर्वेक्षण में जहां ग्रामीण महिलाओं की बढ़ती
महत्वकांक्षा और अपने जीवन को बेहतर बनाने की इच्छा सामने आई है, वहीं उनके
सामने गंभीर चुनौतियां भी मौजूद हैं।
करीब 67 फीसदी महिलाओं ने
कहा कि उन्हें घर से बाहर कदम रखने से पहले अपने पति से इजाजत लेनी पड़ती
है। वहीं, अन्य 15 फीसदी ने कहा कि उन्हें किसी अन्य को साथ लेकर ही घर से
बाहर जाने की इजाजत है। सर्वेक्षण में साथ ही दहेज को लेकर भी 81 प्रतिशत
प्रतिभागियों ने कहा कि वे जानती हैं कि उनके माता-पिता को उनके विवाह के
समय दहेज देना ही पड़ेगा।
राज्य के 820 प्रखण्डों में से 350 में 15 से 45 साल की
महिलाओं के बीच सर्वेक्षण कर यह आंकड़े जुटाए गए हैं।
घर से बाहर
निकलने से जुड़े तमाम प्रतिबंधों के बावजूद करीब 50 फीसदी महिलाएं साइकिल
चलाना जानती हैं। अन्य छह फीसदी महिलाओं ने कहा कि वे या तो साईकिल चलाना
सीख रही हैं या सीखना चाहती हैं।
47 फीसदी महिलाओं ने कहा कि जीवन में कम से कम एक बार वे पार्लर गई हैं और पांच फीसदी ने नियमित रूप से पार्लर जाने की बात कही।
ग्रामीण
भारत में कुकुरमुत्तों की तरह उगते ब्यूटी पार्लरों और ग्रामीण महिलाओं का
उनमें जाना उनकी आकर्षक दिखने की इच्छा ही नहीं दर्शाता, बल्कि एक संकीर्ण
समाज में बढ़ती आजादी का भी द्योतक है।
ग्रामीण उत्तर प्रदेश की करीब 73 फीसदी
महिलाएं टीवी देखती हैं। इनमें से 39 फीसदी शाम या रात के समय टीवी देखती
हैं और 40 फीसदी से ज्यादा महिलाएं धारावाहिक देखती हैं। लेकिन सर्वेक्षण
में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि 10 में से एक महिला टीवी पर समाचार
देखती है।
तकरीबन 80 फीसदी महिलाएं अपने घर की आर्थिक स्थिति को
लेकर चिंतित हैं। आर्थिक स्थिति, सामाजिक स्थिति, स्वास्थ्य और पारिवारिक
जीवन - इनमें से किसमें अधिक संतुष्ट हैं, यह पूछे जाने पर 42 फीसदी
महिलाओं ने कहा कि वे अपने पारिवारिक जीवन से संतुष्ट हैं।
सर्वेक्षण
के अनुसार, दहेज प्रथा बदस्तूर जारी है। 80 फीसदी शादीशुदा महिलाओं ने
स्वीकार किया कि उनके माता-पिता ने उनके विवाह के समय दहेज दिया था और 81
फीसदी अविवाहित युवतियों ने कहा कि वे जानती हैं कि उनके माता-पिता को उनकी
शादी में दहेज देना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ
भारत मिशन के संदर्भ में उत्तर प्रदेश एक महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में
सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ी है और करीब 79 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वे शौच
के बाद साबुन से हाथ धोती हैं।
तकरीबन 53 फीसदी महिलाओं ने भोजन
करने के पहले साबुन से हाथ धोने और 41 फीसदी ने भोजन से पहले सिर्फ पानी से
हाथ धोने की बात कही। करीब 2/3 महिलाओं ने कहा कि शौच के लिए वे शौचालय का
इस्तेमाल करती हैं।
हालांकि शोधकर्ताओं ने कहा कि ये जवाब संभवत:
अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बनाए रखने, पारिवारिक दवाब के चलते और शोधकर्ता के
सामने संकोच की स्थिति से बचने के लिए दिए गए हैं।
आईएएनएस
सीमा हैदर-सचिन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, कोर्ट ने जेवर थाने से मांगी रिपोर्ट
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope