इससे पहले सिंधिया ने करीब साढ़े छह घंटे
तक लोकसभा सीटवार चुनावी नतीजों की समीक्षा की। उन्होंने दो-दो लोकसभा
सीटों की एक साथ बैठक की। इसमें प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और सिंधिया से
संबद्ध दोनों सचिव रोहित चौधरी और धीरज गूर्जर मौजूद थे।
बैठकों में
जिला-शहर अध्यक्षों ने बाहरी प्रत्याशियों द्वारा स्थानीय संगठन से तालमेल न
करने की बात कही।
प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि प्रत्याशी चयन में स्थानीय संगठन की
कोई राय नहीं ली जाती और प्रत्याशी ऊपर से थोप दिए जाते हैं। जमीन पर
कार्यकर्ताओं की अनदेखी होती है। चुनाव के समय बाहरी लोगों को बढ़ावा देने
का खमियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ता है। इसीलिए इस बार चुनाव में अपने
मूल कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाए।
(आईएएनएस)
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