लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों से बंदियों के वीडियो वायरल होने के बाद अब जेल में मोबाइल रखे जाने पर कड़ा प्रतिबंध लगने जा रहा है। जेलों में मोबाइल अथवा अन्य कोई प्रतिबंधित वस्तु पकड़े जाने पर तीन साल की अतिरिक्त सजा व 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। महानिदेशक (करागार) आनंद कुमार ने बताया कि नए प्रावधान के तहत अगर कोई जेल कर्मी जेल के अंदर किसी कैदी को मोबाइल उपलब्ध कराता है, तो उसे भी तीन साल की सजा होगी और 25 हजार रूपये जुर्माना भी भरना पड़ेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि अपनी पहचान छिपाते हुए गलत आईडी का इस्तेमाल कर अगर कोई व्यक्ति किसी बंदी से मिलने जेल में आता है तो उसे भी तीन साल की सजा भुगतनी होगी।
जेलों में अब तक मोबाइल अथवा अन्य कोई प्रतिबंधित वस्तु पकड़े जाने पर छह माह की सजा व दो सौ रुपये जुर्माने का प्रावधान है। डीजी जेल आनंद कुमार ने बीते दिनों इस कानून को और सख्त बनाए जाने की पैरवी की थी। कारागार मुख्यालय के इस प्रस्ताव पर न्याय विभाग की सहमति मिलने के बाद जल्द कैबिनेट में चर्चा कर नए कानून को लागू करने की तैयारी है।
ज्ञात हो कि हाल के दिनों में प्रदेश की जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल और अंदर से लगातार हो रहे वायरल वीडियो से सरकार और जेल महकमे की छवि धूमिल हो रही थी। इसीलिए अब इससे संबंधित सजा में संसोधन किया जाएगा।
इसके अलावा प्रदेश की 72 जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हाई स्पीड इंटरनेट के जरिए सीधे मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम को मिलेगी। मुख्यालय के कंट्रोल रूम से किसी भी जेल में चल रही गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
--आईएएनएस
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