लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने घोषणा की है कि अगर उन्हें महागठबंधन में पर्याप्त सीटें नहीं मिलती हैं तो वह समझौता करने की बजाय अकेले चुनाव में उतरना पसंद करेंगी। शनिवार को लखनऊ में बीएसपी की नेशनल एग्जिक्यूटिव की मीटिंग के दौरान मायावती ने ऐंटी-बीजेपी फ्रंट के गठन से पहले अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से मंत्रणा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पार्टी का कंट्रोल अपने हाथ में रहेगा
मायावती ने इस दौरान अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हालांकि, यूपी की पार्टियों से गठबंधन के लिए बातचीत जारी है लेकिन कार्यकर्ता हर स्थिति के लिए तैयार रहें। अगर गठबंधन में पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं तो हमें चुनाव में अकेले ही उतरना होगा। इस दौरान मायावती ने इशारों-इशारों में यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह पार्टी का कंट्रोल अपने हाथ से निकलने नहीं देने वाली हैं।
शनिवार को लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की अखिल भारतीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाने का भी ऐलान किया।
लोकसभा चुनाव के बाद बने थे उपाध्यक्ष
भ्रष्टाचार के कथित मामलों को लेकर विवादों में रहे आनंद कुमार को पद से हटाने के पीछे मायावती ने वजह भी बताई। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा, लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के कामकाज को देखने के लिए आनंद कुमार को उपाध्यक्ष बनाया था, लेकिन हमारी पार्टी के भीतर भी कांग्रेस की तरह परिवारवाद की चर्चा शुरू हो गई थी। लोगों ने आनंद कुमार की तर्ज पर अपने नाते रिश्तेदारों को रखने की सिफारिश शुरू कर दी थी।
आनंद ने खुद छोड़ा पद
मायावती ने पार्टी में परिवारवाद की जड़ें पनपने की बात कहते हुए ये भी बताया कि उनके पार्टी नेताओं की तरफ से कई सिफारिश तो सीधे उनके पास तक ही आने लगी थीं। मायावती ने बताया, ऐसे में पार्टी को मूवमेंट से डिगता देख आनंद कुमार ने खुद ही पद छोडऩे की इच्छा जताई जिसे मैंने स्वीकार कर लिया और अब वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नहीं रहेंगे।
पार्टी में नहीं चलेगा परिवारवाद
मायावती ने बताया, मुझे खुद को भी मिलाकर तथा मेरे बाद अब आगे भी बसपा का जो भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जायेगा तो फिर उसके जीते-जी व ना रहने के बाद भी उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी स्तर के पद पर नहीं रखा जाएगा, यानी उनके परिवार के सदस्य बिना किसी पद पर बने रहकर और एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में ही केवल अपनी नि:स्वार्थ भावना के साथ ही पार्टी में कार्य कर सकते है।
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