लखनऊ/ नई दिल्ली। भाजपा उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने बसपा सुप्रीमो मायावती के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने भविष्य में बौद्ध धर्म अपनाने की बात कही थी। दुष्यंत कुमार गौतम ने मंगलवार को 'आईएएनएस' से कहा कि "मायावती धर्म के नाम पर हिंदुओं और दलितों को गुमराह करना बंद करें। उन्हें बौद्ध धर्म अपनाने से कौन रोक रहा है? संविधान हर किसी को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। आखिर मायावती कब बौद्ध नहीं थीं, लोग तो उन्हें बौद्ध ही समझते हैं। सही से अगर मायावती बौद्ध धर्म के आदशरें को अपनाएं तो डॉ. आंबेडकर की आत्मा को भी शांति मिलेगी।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दरअसल, मायावती ने सोमवार को नागपुर की एक रैली में कहा था कि उचित समय आने पर वह बाबा साहब की तरह बौद्ध धर्म अपना लेंगी।
मायावती के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गौतम ने कहा, "लगता है कि मायावती की राजनीतिक महत्वाकांक्षा धर्म के आड़े आ रही है। यही वजह है कि वह अनर्गल बयान दे रही हैं। जनमानस में धर्म किसी तरह राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करता। धर्म अपनाना न अपनाना एक निजी मसला है। इसके लिए कोई उचित और अनुचित समय नहीं होता है। धर्म के नाम पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए।"
गौतम ने कहा कि "मायावती को राजनीति में धर्म का घालमेल बंद करना चाहिए। बेहतर हो कि वह बौद्ध धर्म और डॉ. आंबेडकर के सिद्धांतों और आदशरें को अपने आचरण में उतारें तो भला होगा। इससे आंबेडकर की आत्मा को भी शांति मिलेगी।" उन्होंने कहा कि भीमराव आंबेडकर को मानने वाले ज्यादातर बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, मगर वे मायावती की तरह धर्म के नाम पर गुमराह करने की राजनीति नहीं करते।
--आईएएनएस
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