अधिसूचना के अनुसार, सभी नाविकों को नौका चालन में उनके कौशल के
आधार पर प्रशिक्षित तथा अर्ध-प्रशिक्षित के तौर पर वर्गीकृत किया जाएगा।
पंजीकरण के बाद, पंचायत और जिला प्रशासन उन्हें एसएमएस द्वारा खराब मौसम के
बारे में सूचना भेजेगा। यह सूचना सार्वजनिक सूचना तंत्रों और संबंधित
संस्थाओं के माध्यम से भी दी जाएगी।
इसके अलावा पशुओं को ले जा रही
नावों में पशुओं के साथ सिर्फ उनका मालिक ही जा सकेगा। उनके साथ अन्य लोगों
को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। नदियों के घाटों को, जहां यात्री नावों
से उतरते और चढ़ते हैं, दुर्घटना रोकने के अनुरूप बनाया जाएगा।
नावों
पर लाइफ जैकेट्स जैसी सुरक्षा डिवाइसें और फर्स्ट-ऐड बॉक्स का इंतजाम करना
जरूरी होगा। तथा किसी दुर्घटना के बारे में नजदीकी पुलिस स्टेशन पर सूचना
देनी होगी।
नाविकों को इन सुरक्षा कदमों की जरूरतों के प्रति जागरूक
करने के लिए प्रदेश सरकार ने तीन महीने का जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू
करने की योजना बनाई है।
जल मार्ग पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पहली बार ऐसे कदम उठाए गए हैं।
(आईएएनएस)
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