कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, कांग्रेस अभी इस
मुद्दे पर कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है। अभी प्रदेश में गठित हुई नई
कार्यकारिणी का विवाद शांत नहीं हो रहा है। अभी भी पुराने नेता ही रूठे हुए
हैं, जिन्हें मनाने का काम किया जा रहा। ऊपर से अदिति सिंह को बाहर किए
जाने पर पार्टी में बवाल के साथ ही विधानसभा में संख्या बल भी कम होगा। यह
पार्टी के लिए नुकसानदायक कदम है।
इसीलिए पार्टी इस पर सोच-समझकर फैसला
करेगी। नेता ने बताया, अदिति सिंह भी अभी इस्तीफा देने वाली नहीं हैं।
उन्हें पता है कि उनके इस कदम से उनका रुतबा तो छिनेगा, साथ ही राजनीति भी
कमजोर हो जाएगी। गांधी परिवार अमेठी गंवाने के बाद रायबरेली में बहुत
फूंक-फूंककर ही कदम रखेगा। जिससे सोनिया का गढ़ हमेशा की तरह मजबूत रहे।
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