लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि अब स्कूलों में मध्याह्न् भोजन कार्यक्रम में बाजरा को शामिल किया जाएगा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लोगों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाजरे की खेती, उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने में लगी हुई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, मध्याह्न् भोजन में बाजरे को शामिल करके हम बच्चों को दिए जा रहे पोषण को बढ़ाना चाहते हैं और बाजरा के लिए उनके स्वाद विकसित करने में भी मदद करना चाहते हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार मृदा स्वास्थ्य और लोगों की बेहतरी के लिए भी काम कर रही है।
शाही ने कहा, उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और क्षेत्रफल की दृष्टि से चौथा सबसे बड़ा राज्य है और राज्य की भूमि मोटे अनाज की खेती के लिए उपयुक्त और अनुकूल है।
वर्तमान में यूपी में 12 लाख हेक्टेयर भूमि मोटे अनाज की खेती के अधीन है जो इन अनाजों का 19 लाख मीट्रिक टन उत्पादन करती है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार 'श्री अन्ना कायाकल्प कार्यक्रम' चला रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में बाजरा के प्रचार-प्रसार के लिए बाजरा भोज का आयोजन किया जा रहा है।
अगले जायद सीजन (गर्मी के मौसम) में, सरकार ज्वार और बाजरा के बीज के लिए किसानों को (50 प्रतिशत अनुदान पर) 20 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगी। राज्य में 89 कृषि विज्ञान केंद्र और पांच कृषि विश्वविद्यालय मोटे अनाज के संबंध में किसानों को अनुसंधान और शिक्षा मुहैया कराने में लगे हैं। राज्य सरकार किसानों से एमएसपी पर मोटे अनाज की खरीद के लिए विशेष खरीद केंद्र भी खोलेगी।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है।
--आईएएनएस
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