राज्य के राजस्व विभाग की शिकायत में यह भी कहा गया है कि गरीब किसानों की
जमीन हड़पने में अपने पद (उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, 2012-2017 के
रूप में) का दुरुपयोग करने वाले आजम खान ने 5,000 हेक्टेयर की विशाल भूमि
पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।
राजस्व अधिकारी ने कहा, "यह भूमि
नदी किनारे की है, इसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है। हालांकि, राजस्व
रिकॉर्ड जाली थे और बाद में कई सौ करोड़ की यह जमीन जौहर अली विश्वविद्यालय
के रूप में अवैध रूप से हथिया ली गई।"
अधिकारी के अनुसार, नदी के
किनारों पर कब्जा करने के लिए व धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से बनाए गए जाली
दस्तावेज, आजम खान के खिलाफ मजबूत सबूत के तौर पर उपलब्ध हैं। पुलिस
सूत्रों ने कहा कि आजम खान या उनके सहयोगियों द्वारा जमीन हड़पने के अन्य
मामलों से संबंधित कई शिकायतें रामपुर पुलिस अधीक्षक को मिली हैं।
इस
बीच, आजम खान के समर्थकों का कहना है कि उनके नेता को जानबूझकर निशाना
बनाया जा रहा है क्योंकि वह जिले में विपक्ष की एकमात्र आवाज हैं और सांसद
के तौर पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते रहते हैं।
लखनऊ में एक
एसपी के पदाधिकारी ने कहा, "उनके (आजम खान) खिलाफ कार्रवाई उचित नहीं है।
उन्होंने अपने निजी इस्तेमाल के लिए कोई जमीन नहीं ली।"
(आईएएनएस)
'बहुत सकून मिला है', अंसारी की मौत के बाद पीड़िता का बयान
बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनी: RJD 26 ,कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
धमकी देने वाली कॉल के संबंध में दूरसंचार विभाग ने जारी की एडवाइजरी
Daily Horoscope