लखनऊ । उत्तर प्रदेश में विधान परिषद
के चुनाव में भाजपा के दस तथा सपा के दोनों प्रत्याशियों का निर्विरोध
निर्वाचन तय हो गया है। दरअसल, निर्दलीय उम्मीदवार महेश चंद्र शर्मा का
नामांकन खारिज कर दिया गया। शर्मा के नामांकन पत्र में आवश्यक 10 प्रस्तावक
नहीं थे। इसके साथ ही यह सुनिश्चित हो गया है कि मतदान की जरूरत नहीं
पड़ेगी, गुरुवार 21 जनवरी को सभी प्रत्याशियों के औपचारिक निर्वाचन की
घोषणा कर दी जाएगी।
नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को पर्चा दाखिल करने वाले निर्दलीय महेश चंद्र
शर्मा के पास कोई भी प्रस्तावक न होने से नामांकन पत्र खारिज हो गया है।
फिलहाल नामांकन पत्रों की जांच हो रही है, जबकि 21 जनवरी को नाम वापसी का
अंतिम दिन है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा के सभी दस प्रत्याशियों ने सोमवार को दिन में
12 बजे अपना-अपना नामांकन किया। इसके करीब एक घंटा बाद निर्दलीय महेश चंद्र
शर्मा ने नामांकन कर इस चुनाव में खलबली मचा दी थी। इसके बाद महेश चंद्र
शर्मा के पर्चे में एक भी प्रस्तावक नहीं होने के कारण उनका पर्चा खारिज हो
गया। विधान परिषद के चुनाव में 13वें प्रत्याशी के रूप में सामने आए
निर्दलीय प्रत्याशी महेश शर्मा का नामांकन खारिज हो गया है। उनके पर्चे में
एक भी प्रस्तावक नहीं थे। विधान परिषद के चुनाव में मुकाबले में आने के
लिए नियमानुसार कम से कम 10 विधायकों के हस्ताक्षर होने चाहिए। महेश चंद्र
शर्मा का दावा था कि उनके पास अपना दल के तथा निर्दलीय विधायक हैं। जब
नामांकन पत्र देखा गया तो उसके प्रस्तावकों के नाम वाला बॉक्स खाली था।
विधान
परिषद की 12 सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा को दस तथा सपा को दो सीट
मिलेंगी। इन सभी का अब निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। भाजपा की तरफ से
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र
देव सिंह, विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य, प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी के
बेहद करीबी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा, कुंवर मानवेंद्र
सिंह, भाजपा प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, सलिल
विश्नोई, सुरेंद्र चौधरी व धर्मवीर प्रजापति ने अपना नामांकन पत्र दाखिल
किया।
सपा के पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा विधान परिषद में पांच वर्ष
से सेवा दे रहे नेता विरोधी दल अहमद हसन के साथ अखिलेश यादव सरकार में
मंत्री रहे पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने नामांकन किया। इनका
नामांकन कराने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी विधान भवन में
पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी में अहमद हसन तथा राजेंद्र चौधरी ने अपना पर्चा
दाखिल किया। उनका निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है।
--आईएएनएस
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope