लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकारी व अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में अब वर्चुअल क्लास संचालित करने की कवायद करने जा रही है, जिससे स्कूली बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने आईएएनएस से कहा, "यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए स्कूलों में सीसी कैमरे, वायस रिकॉर्डर के साथ-साथ इंटरनेट कनेक्शन और राउटर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। अब इसी इंफ्रास्ट्रक्च र का उपयोग आनलाइन क्लास पढ़ाने के लिए किया जाएगा।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि यह सुविधा मुफ्त है। इसमें करोड़ो रुपये का खर्च आता है, लेकिन हमने यह सुविधा मुफ्त में छात्रों के लिए दी है।
शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग विभिन्न विषयों के अच्छे शिक्षकों को जुटाने में लगा हुआ है। जिला व मंडल स्तर पर अच्छे शिक्षकों को चिन्हित करने का काम प्रधानाचायरें के माध्यम से जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त शिक्षा निदेशक करेंगे। ऐसे शिक्षकों का अनलाइन लेक्चर दूसरे स्कूलों के विद्यार्थी भी अपनी क्लास में पढ़ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि आगे चलकर इसका वृहद रूप लाया जाएगा। सभी जिलों में विभिन्न विषयों के अच्छे शिक्षकों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। विषयवार ऐसे शिक्षकों का ब्योरा तैयार किया जाएगा। विशेषज्ञों की टीम ऐसे शिक्षकों के लेक्चर पास करेगी और अगर कोई जरूरी सुझाव हुआ तो वह भी देगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों के लेक्चर ऑनलाइन किए जाएंगे। शिक्षकों के ऑनलाइन लेक्चर की सुविधा शुरू होने से अच्छे शिक्षकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए अच्छे संस्थानों के विशेषज्ञों से भी मदद ली जाएगी।
इसकी शुरूआत कब से होगी, इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है।
--आईएएनएस
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