विश्वकर्मा ने बताया कि जानबूझकर लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ऐसी घटनाओं का अंजाम दे रहे हैं।
उधर,
हमीपुर जिले के एक लेखपाल ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पराली
जलाने पर बड़े किसान पर 5 एकड़ का 15000 रुपये, लघु किसानों पर 5 एकड़ का
5000 रुपये और ढाई एकड़ के नीचे सीमांत किसान पर 2500 रुपये का जुर्माना
लगाया जा रहा है। अधिकरियों ने लेखपालों को ग्राम अवांटित कर दिए हैं। वहां
पर जाने और कार्रवाई करने पर लोग मारने की धमकी देते हैं। इसमें
व्यावहारिक कठिनाइयां हैं। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। अधिकारियों ने
आदेश दे दिया है, पर फील्ड पर बहुत सारी दिक्कतें हैं।
कानपुर
देहात के किसानों का कहना है कि एक तो ऐसे भी खेती करने में जानवरों की वजह
से दिक्कत हो रही है। उपर से पराली जलाने पर जुर्माना लगाकर सरकार
तानाशाही दिखा रही है।
मेरठ के किसान रामकुमार का कहना है कि सरकार
पराली के न जलाने के साधन बताए, इसके लिए कोई डम्प करने की जगह बनवाए,
जिससे हम इसे वहां भेज सके, बस जुर्माना लेने से काम नहीं चलेगा।
गौरतलब
है कि उत्तर प्रदेश में पराली जलाने वालों पर प्रदेश सरकार बहुत सख्त है।
इसे लेकर सरकार ने बीते दिनों 26 ऐसे जिला अधिकारियों नोटिस जारी किया है,
जिनके जिलों में पराली जलाने पर काबू नहीं पाया जा सका है। इस बाबत कई
किसानों पर कार्रवाई भी हुई है, हालांकि उसका आधिकारिक डाटा अभी मौजूद नहीं
है।
(IANS)
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