लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा में बोले। योगी ने शुक्रवार को कहा कि पिछली सरकारों की गलती की वजह से ही यह स्थिति पैदा हुई है। लेकिन शिक्षामित्र किसी के बहकावे में आकर तोड़फोड़ और हिंसा का रास्ता न अख्तियार करें, सरकार उनके लिए विधिसंगत रास्ते तलाश रही है। विधान परिषद में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए योगी ने कहा, "शिक्षामित्रों के समायोजन में ही गलती थी। पूर्व की सरकारों ने गलत किया। मैंने अपर मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "जब सरकार विचार कर रही है तो सड़क पर हिंसा करना ठीक नहीं है। सड़क पर तोड़फोड़ न करें, हिंसा न करें, किसी के बहकावे में न आएं। विपक्ष उन्हें केवल वोट बैंक मानता है।"
पिछले दो दिनों में हुई हिंसक झड़पों पर मुख्यमंत्री ने सख्त लहजों में कहा कि हिंसा होगी और हिंसा का शिकार कोई निर्दोष होगा तो सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा, "शिक्षामित्र प्रदर्शन न करें, बल्कि स्कूल में जाकर पढ़ाएं। अगर लोकतांत्रिक तरीके से बात कही जाएगी तो बात सुनी जाएगी। अगर विपक्ष धमकी देगा तो सरकार धमकी से डरने वाली नहीं है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "वे सभी शिक्षामित्रों की बातें सुन रहे हैं। जिनका समायोजन नहीं हुआ था, सरकार ने उनका मानदेय बढ़ाया है। लोकतंत्र में रास्ता निकलता है। हम रास्ता निकालेंगे। सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।"
-आईएएनएस
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