लखनऊ । योगी सरकार वर्षा जल संचयन को लेकर व्यापक अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के करीब 34,000 सरकारी व अर्ध सरकारी भवनों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग (आरटीआरडब्ल्यूएच) सिस्टम स्थापित कर दिया गया है। आने वाले समय में एक लाख से अधिक भवनों को भी इस सुविधा से युक्त बनाया जाएगा।
यह भूजल स्तर को रिचार्ज करने और जल संकट से निपटने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण कदम है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के कुल 2 लाख 35 हजार सरकारी एवं अर्ध सरकारी भवनों को वर्षा जल संचयन प्रणाली से युक्त किया जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के तहत 16 जिलों ने 100 प्रतिशत वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापना का कार्य पूरा कर लिया है। इनमें अयोध्या, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया, झांसी और पीलीभीत शामिल हैं। योगी सरकार की मंशा है कि प्रत्येक भवन वर्षा जल संचयन प्रणाली से जुड़कर प्राकृतिक जल स्रोतों को सहेजने में योगदान दे। इस प्रयास से प्रदेश के जलस्तर में सुधार के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों को जल संकट से बचाया जा सकेगा।
प्रदेश में वर्षा जल के संचयन को लेकर योगी सरकार के जल शक्ति विभाग द्वारा जलशक्ति अभियान 'कैच द रेन 2025' चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के विभिन्न सरकारी और अर्ध सरकारी इमारतों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से युक्त करने की कार्ययोजना बनाई गई है। इस कार्य योजना में एक लाख से अधिक भवनों में यह सुविधा जल्द शुरू कर दी जाएगी।
इसके अलावा 16 जिलों ने जल संचयन में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है। जल संरक्षण की दिशा में योगी सरकार की यह बड़ी उपलब्धि है। सरकारी अर्ध सरकारी भवनों को रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस करने का यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय पहल है, बल्कि जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में उम्मीद की नई किरण भी साबित हो रहा है।
--आईएएनएस
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