लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी
लखनऊ में अब पुलिस की अपनी मेल सेवा होगी। यह ठीक वैसे ही काम करेगी जैसे
गूगल का जीमेल अकाउंट काम करता है। इसकी कानूनी मान्यता भी होगी और इसे
चलाने के लिए यूपी 100 के सर्वर का इस्तेमाल किया जाएगा।
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अधिकारियों के मुताबिक, इसकी लांचिग दो अक्टूबर को होगी।
इस मेल अकाउंट को पुलिस के आंतरिक संवाद के लिए तैयार किया गया है। यह
जानकारी टेलीकॉम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
टेलीकॉम विभाग
के अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस रेडियो मुख्यालय की टीम ने रेडियो मेल
सेवा तैयार की है। अभी तक यूपी पुलिस में क्यू मेल सेवा का इस्तेमाल हो रहा
था। लेकिन कई तकनीकी खामियां होने की वजह से इसे हटाया जा रहा है। नई
रेडियो मेल सेवा में पांच वर्षो का डेटा आसानी से सुरक्षित रखा जा सकेगा।
टेलीकॉम
विभाग के डीजी पी.के. तिवारी ने बताया कि पुलिस विभाग की इस आंतरिक मेल
सेवा को शुरू करने में साफ्टवेयर के अलावा कोई खर्च नहीं आया है। रेडियो
मुख्यालय के विशेषज्ञों ने इस मेल सेवा के लिए यूपी 100 के सर्वर को
इस्तेमाल किया है।
उन्होंने बताया कि मेल को इस ऑफिस के सिस्टम पर
ही खोला जा सकेगा। इसमें वाट्सऐप की तरह यह पता रहेगा कि मेल को कब और
किसने खोला और कितने बजे पढ़ा गया।
पी.के. तिवारी ने बताया कि क्यू
मेल में स्टोरेज की क्षमता काफी कम थी। 10 मेल से ज्यादा होने पर नया मेल
दिखता नहीं था। नई तकनीक में अब ऐसा नहीं होगा। इसमें स्टोरेज की असीमित
क्षमता रहेगी और पांच साल तक डेटा सुरक्षित रहेगा।
विभाग के
सूत्रों ने बताया कि इसमें पुलिस विभाग के तय प्रारूप में ही संदेश होगा और
उसकी कानूनी मान्यता भी होगी। उसे जब भी डाउनलोड किया जाएगा वह पुलिस
फॉर्म में ही दिखेगा। आंतरिक मेल सेवा को तैयार करने में विभाग के टेक्निकल
एआरओ संजय कनौजिया और उनकी टीम ने मुख्य भूमिका निभाई है।
--आईएएनएस
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