लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए विभागीय कार्यालयों को डिजिटल बनाने में लगी है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सचिवालय में ई-आफिस की व्यवस्था को एक अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव से ई-आफिस व्यवस्था को लागू करने के संबंध में 15 जून तक विस्तृत कार्ययोजना उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्य सचिव को जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सचिवालय में पत्रावलियों के रख-रखाव तथा उनके संचालन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस व्यवस्था को लागू करना अत्यंत आवश्यक है। ई-ऑफिस व्यवस्था को लागू करने से जहां एक ओर पत्रावलियों के निस्तारण में गति आएगी, वहीं दूसरी ओर शासकीय कार्यो में अनावश्यक विलंब से भी बचा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सचिवालय में एक अक्टूबर तक ई-ऑफिस व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस संबंध में संबंधित विभागों से विचार-विमर्श कर हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर की जरूरत का आकलन करने, कार्मिकों का प्रशिक्षण तथा वर्तमान में प्रचलित फिजिकल फाइल्स के डिजिटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों का एक समूह भी गठित किया है।
प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन विभाग तथा अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग इस समूह के सदस्य होंगे। इस कार्य के लिए प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन को नोडल अधिकारी नामित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिया है कि सभी विभाग उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।
-आईएएनएस
IPL : जायसवाल और सैमसन ने खेली अर्धशतकीय पारी, राजस्थान ने हैदराबाद को दिया 204 का लक्ष्य
पीएम की डिग्रियों को लेकर बीआरएस नेता ने उड़ाया मजाक, आखिर क्यों, यहां पढ़ें
जनरल बाजवा ने भारत से संबंध बहाल करने के लिए मुझ पर दबाव डाला : इमरान खान
Daily Horoscope